नई दिल्ली। बिजली कंपनियों ने स्वतंत्रता दिवस पर पतंगबाजी के शौकीनों से अपील की है कि वह बिजली के खंभों, तारों, ट्रांसफॉर्मर और अन्य उपकरणों के आसपास पतंग नहीं उड़ाए। पतंग उड़ाने के लिए मेटल-युक्त मांझे का प्रयोग नहीं करें। क्योंकि यह मांझा न सिर्फ इलाके की बिजली गुल कर सकता है, बल्कि इससे पतंग उड़ाने वालों की जान को भी खतरा होता है। मेटल-कोटेड मांझा जब बिजली की तारों व अन्य उपकरणों के संपर्क में आता है, तो बिजली का करंट प्रवाहित होकर पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति के शरीर तक पहुंच सकता है।
66/33 केवी लाइन ट्रिप होने पर 10 हजार घरों में हो जाता है अंधेरा
पतंगबाजी की वजह से बिजली ट्रिप करने का भी खतरा होता है। बीएसईएस के अनुसार अगर 66/33 केवी की सिर्फ एक लाइन ट्रिप हो जाए तो इससे 10 हजार से अधिक लोगों के घरों में अंधेरा छा सकता है। 11 केवी की एक लाइन ट्रिप होती है तो करीब 2500 से अधिक लोगों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। बीएसईएस प्रवक्ता के मुताबिक पतंगबाजी का आनंद लें, लेकिन जिम्मेदारी के साथ। बिजली आपूर्ति से जुड़े उपकरणों के पास पतंग न उड़ाएं। छोटे उपाय स्वतंत्रता दिवस के जश्न को सुरक्षित बना सकते हैं।
पतंगबाजी की वजह से बिजली ट्रिप करने का भी खतरा होता है। बीएसईएस के अनुसार अगर 66/33 केवी की सिर्फ एक लाइन ट्रिप हो जाए तो इससे 10 हजार से अधिक लोगों के घरों में अंधेरा छा सकता है। 11 केवी की एक लाइन ट्रिप होती है तो करीब 2500 से अधिक लोगों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। बीएसईएस प्रवक्ता के मुताबिक पतंगबाजी का आनंद लें, लेकिन जिम्मेदारी के साथ। बिजली आपूर्ति से जुड़े उपकरणों के पास पतंग न उड़ाएं। छोटे उपाय स्वतंत्रता दिवस के जश्न को सुरक्षित बना सकते हैं।
टाटा पावर-डीडीएल की एडवायजरी
- बिजली के तारों से दूर खुले स्थानों को पतंग उड़ाने के लिए चुनें
- पतंगों को उड़ाने के लिए मांझे का प्रयोग नहीं करें
- पतंग बिजली की तारों में अटक जाए तो उसे निकालने की कोशिश नहीं करें
- बच्चे पतंग उड़ा रहे हों तो उनके आसपास मौजूद रहें
- दुर्घटना की स्थिति में टोल फ्री नंबर 19124 से संपर्क करें