बिना मददगार व गाइड के तीन महीने छिपना संभव नहीं
बीते तीन महीने से आतंकियों का बसंतगढ़ के ऊपरी जंगलों व पहाड़ों पर नजर आना जारी है। लोग संदिग्ध देखे जाने की लगातार सूचना दे रहे हैं। इनते समय तक बिना गाइड व मददगारों के छिपना संभव नहीं है। सूत्रों की माने तो इन आतंकियों को किसी स्थानीय के यहां शरण मिल रही है। मौजूदा समय में गुज्जर-बकरवालों के कई डेरे जंगलों व पहाड़ों पर हैं। इनको धमकाकर आतंकी खाने का इंतजाम कर लेते हैं। सुरक्षाबलों को अप्रैल से इस क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों के बारे में सूचना है।
इससे एक दिन पहले ही अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादी मददगारों को गिरफ्तार किया था। इनसे हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी हुई है। पकड़े गए आतंकी मददगारों की पहचान दाऊद अहमद डार, इम्तियाज अहमद रेशी और शाहिद अहमद डार के तौर पर हुई है। तीनों हसनपोरा तवेला के निवासी हैं।