उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज श्रावण शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रात 3 बजे जागे। भस्म आरती के पहले वीरभद्र और मानभद्र से आज्ञा लेकर सबसे पहले चांदी द्वार को खोला गया उसके बाद घंटी बजाकर भगवान तक यह सूचना पहुंचाई गई कि पुजारी व अन्य लोग आपको जगाने के लिए मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। गर्भगृह में सबसे पहले भगवान का जलाभिषेक व पूजन दर्शन कर श्रृंगार किया गया और उसके बाद भस्म आरती की गई। मंदिर में जैसे ही भगवान के दर्शन शुरू हुए वैसे ही चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की नवमी मंगलवार पर आज सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद सबसे पहले भगवान का शुद्ध जल से स्नान, पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज के श्रृंगार की विशेषता यह रही कि आज बाबा महाकाल का मावे और ड्रायफ्रूट से देवी स्वरूप में श्रृंगार किया गया और उन्हें फूलों की माला से सजाया गया। श्रृंगार के दौरान उनके मस्तक पर टीका और नाक में नथनी से भी सजाया गया, फिर महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इसके बाद पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।