कुबेरेश्वरधाम कांवड़ यात्रा ने तोड़े रिकॉर्ड, भोपाल-इंदौर हाइवे पर 10 किमी जाम, मंत्री सिलावट भी फंसे

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सीहोर। सीहोर जिले में प्रतिवर्ष अनुसार विठलेश सेवा समिति के तत्वावधान में इस वर्ष भी शहर के जीवन दायिनी सीवन नदी से जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में करीब 11 किलोमीटर निकाली गई कांवड़ यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ पैदल चलकर यहां पर भगवान शिव का अभिषेक किया। पूरे देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु कांवड़ लेकर भगवान शिव के जयकारे के साथ चल रहे थे। शहर में दो घंटे और इंदौर-भोपाल हाइवे पर लगातार पांच घंटे तक जाम की स्थिति निर्मित रही। कांवड़ यात्रा के चलते इंदौर-भोपाल हाइवे पर जाम लग गया। मंत्री तुलसी सिलावट भी जाम में फंस गए। बाद में यात्रा के गुजरने के बाद स्थिति सामान्य हो पाई। दरअसल, कांवड़ यात्रा के रूट में इंदौर-भोपाल हाइवे का करीब पांच किलोमीटर का हिस्सा शामिल था। इसके चलते करीब 10 किलोमीटर तक जाम की स्थिति बनी रही।

सबसे आकर्षण कांवड़ महाराष्ट्र के अमरावती से आए सैकड़ों कांवड़ यात्रियों की रही, जो कांवड़ के साथ शिव परिवार की झांकियों को कंधे पर सवार कर 500 किलोमीटर का सफर तय कर धाम पर पहुंचे थे। इस मौके पर समिति के प्रबंधक पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा और मनोज दीक्षित मामा आदि ने अमरावती से आए श्रद्धालुओं का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। यह कांवड़ महाराष्ट्र से छह दिन पहले चली थी और शुक्रवार की देर रात्रि को शहर में पहुंची और रात्रि में जागरण कर सुबह ऐतिहासिक यात्रा के साथ शामिल रहे। शनिवार की सुबह भागवत भूषण पंडित मिश्रा ने सीवन नदी घाट पर पहुंचकर विधि-विधान से पूजन अर्चना के बाद कांवड़ भरी और उसके बाद लगातार छह घंटे पैदल चलने के बाद मंदिर परिसर में पहुंचे। यहां पर अभिषेक और आरती का आयोजन किया गया।

कांवड़ महाकुंभ सकुशल संपन्न
कांवड़ महाकुंभ सकुशल संपन्न हो गया है। इस साल की कांवड़ यात्रा ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। देश के कोने-कोने से आए विभिन्न श्रद्धालुओं में सबसे अधिक संख्या में डाक कांवड़ियों की भीड़ उमड़ी है। सीवन नदी घाट पर मोटर बोट और अन्य संसाधनों की सुविधा रखने के निर्देश दिए थे। देशभर से श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। शहर की धर्मशालाएं, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं भीड़ ही नजर आ रही थी, भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पूरे मार्ग पर पुलिस के जवानों की व्यवस्था की गई थी, इसके बाद भी कई बार हाई पर जाम जैसी स्थिति बनी रही।

11 किलोमीटर डीजे, ढोल के साथ निकली यात्रा
कांवड़ यात्रा 11 किलोमीटर तक निकाली गई। इस दौरान 300 से अधिक स्थानों पर कांवड़ यात्रा की भव्य अगवानी की गई। कांवड़ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां भी की गई थी। यात्रा में शामिल होने के लिए दो-तीन दिन पहले से ही कुबेरेश्वर धाम पर कांवड़ियों का जमावड़ा भी लगने लगा था। दूर-दूर से कांवड़ लेकर यात्री यहां पहुंचे। इसके बाद सभी कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। कांवड़ यात्रा में दो दर्जन से अधिक डीजे और एक दर्जन झाकियां भी शामिल रही। हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पूरा वातावरण शिवमय हो गया।

जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान
कांवड़ यात्रा के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कांवड़ यात्रा का उद्देश्य जहां सीहोर नगर की जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान है तो वहीं कांवड़ से भगवान शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी है। सभी भक्त जल अपने-अपने गांव, अपने-अपने शहर, अपने-अपने घरों में स्थित शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जो भी भक्त श्रद्धाभाव से भगवान भोलेनाथ शिव बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं, जल चढ़ाते हैं, उन पर बाबा अवश्य कृपा करते हैं। इस बार जो सावन में संयोग बन रहा है, वो 72 साल बाद आया है। सावन की शुरुआत गत 22 जुलाई सोमवार को हुई और सावन समाप्त भी 19 अगस्त सोमवार के दिन होगा। पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार, क्षेत्रवासी और सभी समाजजन अपने-अपने स्तर से लगे रहे। कांवड़ यात्रा में अनेक साधु-संत, जनप्रतिनिधि सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा के आयोजन को लेकर समिति के लोग कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगे रहे। सभी के सहयोग से भव्य कांवड़ यात्रा ने इतिहास बनाया। पंडित मिश्रा ने कांवड़ यात्रा की सफलता के लिए जिला प्रशासन, शहर और ग्रामीण क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों के अलावा सामाजिक संगठन, संस्थान, क्लब आदि ने सहयोग किया है।

क्षेत्रवासियों के लिए संजीवनी साबित हुई कांवड़ यात्रा
पिछले दो दिनों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शहर में पहुंचे थे। इस मौके पर आस्था के साथ आर्थिक रूप से संजीवनी देने वाली कांवड़ यात्रा ने हमारे क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। हर तरफ कुंभ सा माहौल निर्मित हो गया था। कांवड़ यात्रियों के लिए क्षेत्रवासी ने दिल खोकर नाश्ते, फल, भोजन, खिचड़ी और पेयजल आदि की व्यवस्था यात्रा के दौरान की। हर तरफ सहयोग की भावना देखने को मिली। कांवड़ यात्रा में शामिल महिलाओं ने केशरिया, पीले रंग की साड़ी पहनी जबकि पुरुषों को भगवा रंग के गमछे के अलावा कार्यकर्ता समिति की टी-शर्ट में नजर आए।

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