Bharat Bandh : दलित-आदिवासी संगठनों का भारत बंद, ओडिशा में रेल सेवा प्रभावित

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नई दिल्ली। दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। यह बंद हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुलाया गया है। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची भी जारी की है। इसमें सबसे अहम अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग हैं।

 

बिहार के जहानाबाद में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी
बिहार में केंद्रीय कॉन्स्टेबल चयन बोर्ड (सीएसबीसी) कई जिलों में पुलिस की विभिन्न इकाइयों में सिपाही पद के लिए बुधवार को भर्ती परीक्षा भी आयोजित कर रहा है। जहानाबाद जिले में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-83 (एनएच-83) पर यातायात अवरुद्ध किया और इस दौरान उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प हुई। जहानाबाद नगर थाना के अवर निरीक्षक हुलास बैठा ने पत्रकारों को बताया, “ऊंटा मोड़ के पास एनएच-83 पर यातायात अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे पांच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया।”

 

बिहार: अंबेडकर हॉस्टल के पास आगजनी
बिहार के पटना में भी अब भारत बंद का असर दिखने लगा है। महेंद्रू सुल्तानगंज इलाके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंबेडकर हॉस्टल के पास प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की और अशोक राजपथ को जाम कर दिया। इधर बाइपास इलाके में जाम का असर दिख रहा है। यहां भी आवागमन बाधित है। बेउर मोड़ के पास भी सड़क जाम है। भीम आर्मी के कार्यकर्ता सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। जानें बिहार में कैसा है बंद का असर…

 

झारखंड में भारत बंद का छिटपुट असर
झारखंड: आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में और इसे वापस लेने की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान करते हुए प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारत बंद को लेकर पुलिस के पुख़्ता इंतजाम देखे गए। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध और इसे पलटने की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान किया है।

 

आगरा में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का भारत बंद
उत्तर प्रदेश: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में ‘आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति’ आज एक दिन का भारत बंद कर रही है। वीडियो आगरा से है।

 

संगठन की सरकार से क्या है मांग?
एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए, क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नए कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए।

 

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