नई दिल्ली। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 अगस्त को अमेरिका जाएंगे। वह अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन के निमंत्रण पर 26 अगस्त तक वहां रहेंगे। इस दौरान वह अमेरिकी रक्षा सचिव के साथ बैठक करेंगे। इसमें रक्षा सहयोग की मजबूती को लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा रक्षा मंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के सहायक जेक सुलविन से मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी की न्यूयॉर्क यात्रा से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इससे अमेरिका-भारत संबंधों को नई गति मिलेगी। साथ ही रक्षा क्षेत्र में कई सहयोगों में मजबूत आएगी। इसके अलावा अमेरिका दौरे से दोनों देशों के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के व्यापक होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्री अमेरिका की रक्षा उद्योग के साथ गोलमेज बैठक भी करेंगे। इसमें रक्षा उद्योग के साथ चल रहे कामों और भविष्य के रक्षा समझौतों पर चर्चा की जाएगी। यात्रा के दौरान वह भारतीय समुदाय से भी बातचीत करेंगे।
सूत्रों का कहना है कि अपने इस दौरे में रक्षा मंत्री अमेरिकी फर्म जनरल इलेक्ट्रिक की तरफ से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को जीई-एफ404 टर्बोफैन इंजन की आपूर्ति में हो रही देरी के मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे। भारतीय वायुसेना को तेजस एमके1ए की डिलीवरी इंजनों की सप्लाई में देरी के चलते लटक रही है। भारतीय वायु सेना को 31 मार्च 2024 तक पहले तेजस एमके1ए की डिलीवरी होनी थी, लेकिन इसमें लगभग 10 महीने की देरी हो रही है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत तेजस मार्क-2 वर्जन लाने की भी तैयारी कर रहा है। इसमें भी जीई F414 जेट इंजन लगाया जाना है। भारत की कोशिश रहेगी कि भारत-अमेरिका मिल कर इस इंजन का संयुक्त उत्पादन करें। राजनाथ सिंह रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे, ताकि इंजन की सप्लाई में तेजी लाई जा सके। इस दौरे में उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा होगी। दोनों देश जेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और स्ट्राइकर आर्मर्ड व्हीकल जैसे प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों के सह-उत्पादन को लेकर बात होगी।