सीजेआई की बात मान…..काम पर लौटे एम्‍स के रेज‍िडेंट डॉक्‍टर

जज और डॉक्‍टर हड़ताल पर नहीं जा सकते

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नई दिल्ली । कोलकाता के आरजी कर डॉक्‍टर मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद एम्‍स के रेज‍िडेंट डॉक्‍टरों ने हड़ताल खत्‍म कर दी है। इसके पहले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने डॉक्‍टरों से कहा था क‍ि आप हड़ताल खत्‍म कीज‍िए। हम आपकी हर बात सुनने के ल‍िए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भी कहा क‍ि डॉक्टर काम पर लौटने को तैयार हैं, पर राज्य सरकारों को सुरक्षा के ल‍िए कदम उठाना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को निर्देश कि राज्य के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ बैठक कर सुरक्षा के मुद्दे को सुलझाए। एक सप्ताह में ये काम हो जाए और राज्य सरकारें दो हफ्ते में कदम उठा लें। सीजेआई की यह बात एम्‍स के डॉक्‍टरों ने मानकर काम पर लौट आए। हालांक‍ि, अभी कई यूनियन हड़ताल पर हैं।

जज और डॉक्‍टर हड़ताल पर नहीं जा सकते
इसके पहले डॉक्टरों की ओर से अंदेशा जताया गया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। उन्‍हें नौकरी से निकाला जा सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्‍टरों को भरोसा दिया क‍ि उनके ख‍िलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। अदालत ने कहा क‍ि जज और डॉक्‍टरी पेशे से जुड़े लोग कभी हड़ताल पर नहीं जा सकते।

बंगाल के डॉक्‍टरों ने क्‍या कहा…
इस बीच, वेस्ट बंगाल डॉक्टर फोरम के डॉक्टर कौशिक लहरी का भी बयान आया है। उन्‍होंने कहा, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और प्रिंसिपल के खिलाफ लगातार शिकायत मिल रही थी। कोलकाता में डॉक्टर्र संदीप घोष को डॉक्टर नहीं मानते। उनके ऊपर उगाही, डॉक्टर्स के ऊपर अत्याचार के आरोप हमेशा लगते रहे हैं। तबादला होने पर भी प्रिंसिपल रूम को ताला लगाकर चले जाते थे ताकि दूसरा कोई प्रिंसिपल पद गहण न कर सके। अपने रसूख का इस्तमाल करके 2 दिन में वापस इसी अस्‍पताल में लौट आते थे। घोष एक षणयंत्र चला रहे थे, जिसमें बाहरी लोग भी शामिल हैं और आसानी से अस्पताल के कामो में दखल देते हैं।

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