जन्माष्टमी को लेकर ओखा-बेट द्वारका के बीच बने सुदर्शन सेतु पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध

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देवभूमि द्वारका| आगामी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए देवभूमि द्वारका के ओखा से बेट द्वारका को जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु पर भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया गया है| अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने एक अधिसूचना जारी कर 22 अगस्त से 27 अगस्त 2024 तक सुदर्शन सेतु पर भारी वाहन और प्राइवेट बसों पर प्रतिबंध लगा दिया है| यह प्रतिबंध कानून व्यवस्था समेत सरकारी वाहनों पर लागू नहीं होगा| दरअसल देवभूमि द्वारका में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है|

खासकर जन्माष्टमी के अवसर पर यह संख्या लाखों हो जाती है| देवभूमि द्वारका आनेवाले श्रद्धालु बेट द्वारका भगवान के दर्शन करने जरूर जाते हैं| ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था बरकरार रखने के लिए सुदर्शन सेतु पर भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है| प्रतिबंध लगने के बाद अब प्राइवेट बसें सुदर्शन सेतु पर प्रवेश नहीं कर सकेंगी| देवभूमि द्वारका और बेट द्वारका सालाना 20 लाख से भी अधिक श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने आते हैं| देवभूमि द्वारका से बेट द्वारका जाने वाले श्रद्धालु पहले नाव के जरिए समुद्र पार करते थे| लेकिन अब सुदर्शन सेतु बन जाने से श्रद्धालु वाहन के जरिए बेट द्वारका जाते हैं|

बता दें कि गत फरवरी महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओखा को बेट द्वारका से जोड़ने वाले करीब ढाई किलोमीटर लंबे केबल स्टेयड ब्रिज का उदघाटन किया था| इस ब्रिज का नाम सुदर्शन सेतु रखा गया है| यह ब्रिज भारत का सबसे लंबे केबल स्टेयड ब्रिज है| यह सेतु देवभूमि द्वारका कॉरिडोर का हिस्सा है और यह रु. 980 करोड़ की लागत से निर्माण किया गया है| जिसमें दोनों तरफ फुटपाथ पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी। इसके अलावा सुदर्शन सेतु के दोनों किनारों पर श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश और श्रीकृष्ण की विभिन्न छवियां चित्रित की गई हैं।

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