Ujjain: भस्मारती में वैष्णव तिलक और त्रिपुंड लगाकर सजे बाबा महाकाल, जयश्री महाकाल स्वर से गूंजा मंदिर परिसर

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उज्जैन। कालो के काल बाबा महाकाल के दरबार में होने वाली भस्म आरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। लेकिन कुछ चुनिंदा लोगों को ही बाबा महाकाल की इस आरती का लाभ मिल पाता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह तीन बजे भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि रविवार पर बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। इस दौरान बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार भी किया गया, जिसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं को हुआ।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर सुबह तीन बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। उसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक और त्रिपुंड लगाकर भव्य शृंगार किया गया।

भांग, मावे और ड्रायफ्रूट से किए गए भगवान के इस अलौकिक शृंगार को जिसने भी देखा, वह देखता ही रह गया। आज भगवान का शृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट से शृंगारित किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और बाबा महाकाल के निराकार के सरकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

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