देश को मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कर देंगे: गृहमंत्री शाह

माओवादियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील

25

रायपुर। केंद्र और राज्यों के बेहतरीन समन्वय की वजह से महाराष्ट्र से ओडिशा तक फैले लाल गलियारे में शांति है। सुरक्षा बलों को फ्री हैंड दिया गया है, सरकार नक्सलियों से बात करने के साथ ही उनसे सुझाव भी ले रही है। इन कोशिशों के बीच भारत जिस तरह कभी पोलिया फ्री घोषित हुआ था, उसी तरह वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद से कब तक आजादी मिलेगी इसकी डेडलाइन को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा हिंट दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद की समस्या से मुक्त हो जाएगा। शाह ने कहा कि इसके खिलाफ आखिरी लड़ाई शुरू करने के लिए एक मजबूत रणनीति की जरुरत है। शाह, नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक और अंतरराज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही। गृह मंत्री ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने का आग्रह किया और कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार एक-दो महीने में नई आत्मसमर्पण नीति की घोषणा करेगी।
अमित शाह ने कहा कि अगर हम छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या का समाधान चाहते हैं तो पड़ोसी राज्यों का पारिस्थितिकी तंत्र भी इस खतरे से निपटने के लिए मजबूत होना जरुरी है। नक्सलियों के खिलाफ आखिरी लड़ाई शुरू करने के लिए एक मजबूत और कठोर रणनीति की जरुरत है। उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा लोकतंत्र के लिए चुनौती है और इस खतरे ने देश में हजारों को मौत की नींद सुला दिया। बीते 40 सालों में माओवादी हिंसा में 17 हजार सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की जान गई है। मोदी सरकार ने इस खतरे को चुनौती के रूप में लिया है। हमने दोहरे उद्देश्य पर काम किया है, पहला नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून का शासन स्थापित करना और दूसरा लोगों का विश्वास जीतकर विकास को प्रोत्साहित करना।
शाह ने कहा कि 2019 से 2024 के बीच बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश नक्सलवाद से मुक्त हो गया जबकि महाराष्ट्र भी गढ़चिरौली को छोड़कर इस खतरे से मुक्त हो गया और यह केंद्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से निपटने के लिए नई अर्धसैनिक बटालियन तैनात की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि आज लड़ाई अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। हमारा मानना है कि हम मार्च 2026 तक देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कर सकेंगे। 2019 से अब तक नक्सल प्रभावित इलाकों में 277 सीआरपीएफ कैंप स्थापित किए गए हैं और सुरक्षा की कमी को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सुरक्षाबलों के साथ एनआईए और ईडी ने भी माओवादियों के वित्तीय तंत्र को खत्म करने का काम किया है। शाह ने नक्सल विरोधी मोर्चे पर छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में सत्ता मिलने के बाद 179 नक्सलियों को मार गिराया गया और 559 को गिरफ्तार किया। 540 माओवादियों ने सरेंडर किया। वहीं सुरक्षाबलों के 46 नए कैंप बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गए लोगों को शिक्षित करने अभियान चलाएगी। राज्य सरकार ने एनआईए की तर्ज पर एसआईए का गठन किया है, जिसे मजबूत किया जाएगा और अभियोजन पर जोर दिया जाएगा। शाह ने माओवादियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का अनुरोध किया।
 

Leave A Reply

Your email address will not be published.