दिल्ली में CM यादव मिले शाह-नड्डा से, भोपाल में नेताओं की धड़कनें तेज, निगम-मंडलों के लिए करें इंतजार
अच्छा काम करने वालों को इनाम का वादा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले ही कहा है कि जो लोग सदस्यता अभियान में अच्छा काम करेंगे, उन्हें इनाम दिया जाएगा। बीजेपी ने संगठन चुनाव का कार्यक्रम 10 नवंबर तक के लिए जारी कर दिया है। यानी अब नेताओं को मंत्री पद के लिए नवंबर के बाद ही मौका मिल पाएगा।
मंत्रियों को मिल गया जिलों का प्रभार
पिछले हफ़्ते ही मंत्रियों को उनके प्रभार वाले जिलों की कमान सौंपी गई है। अब सभी नेता सरकारी उपक्रमों में नियुक्तियों के लिए जोर-शोर से जुट गए हैं। फरवरी में मोहन सरकार ने एक आदेश जारी कर 45 अध्यक्षों और उपाध्यक्षों (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) को हटा दिया था। ये सभी नियुक्तियां पिछली शिवराज सरकार ने की थीं। कुछ लोगों को तो अपने पद पर कुछ महीने ही हुए थे।
डेढ़ करोड़ सदस्य का लक्ष्य
इस बार भाजपा ने मध्यप्रदेश में डेढ़ करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें सबसे बढ़िया काम करने वाले लोगों को इनाम मिलेगा। इसी आधार पर नियुक्तियों की सूची तैयार होगी। कुछ बड़े चेहरों को भी बड़े निगम और बोर्ड सौंपे जा सकते हैं।
वादा पूरा करने का भी है दबाव
वहीं, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान जो नेता दूसरी पार्टियों से बीजेपी में आए थे, वे सभी अपने वादों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। निगम-मंडल और बोर्ड में नियुक्तियों में संगठन की सिफारिश बहुत मायने रखती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस बारे में कहा है कि सदस्यता अभियान में कमाल दिखाने वालों को उपकृत किया जाएगा।
चर्चा में हैं ये नाम
निगम-मंडल के लिए दावेदारी कर रहे नेताओं में जीतू जिराती, सीमा सिंह, कांतदेव सिंह, शर्देन्दु तिवारी, शैलेंद्र शर्मा, रजनीश अग्रवाल, यशपाल सिंह सिसोदिया, सुनील पांडे, कृष्णमोहन सोनी, राहुल कोठारी, अमिता चपरा, जितेंद्र लिटौरिया, आशुतोष तिवारी, विजय दुबे, संजय नगाइच, शैलेंद्र बरुआ, दिलीप शेखावत, धीरज पटैरिया, जसवंत सिंह हाड़ा, हरिवल्लभ शुक्ला और पुष्कर सिंह शामिल हैं।