शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों से बात करने सुप्रीम कोर्ट ने की समिति गठित
कहा- आंदोलन का राजनीतिकरण करने से बचें, समिति के सामने रखें बात
नई दिल्ली। शंभू बॉर्डर पर 6 लेन हाईवे में दोनों ओर एक-एक लेन इमरजेंसी और जन सुविधा के लिए खोली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों की सहमति के बाद ये आदेश जारी किया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने राज्य सरकारों की तरफ से सुझाए नामों पर संतुष्टि जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है। कोर्ट ने कहा कि समिति के सदस्य प्रतिष्ठित व्यक्ति और क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन पर सहमति जताई है।
कोर्ट ने कहा कि समिति के विचार के लिए मुद्दों की पहचान करना और उन्हें तैयार करना ज्यादा उपयुक्त होगा। इसके अध्यक्ष ने मुद्दों को तैयार करने के लिए एक हफ्ते में बैठक बुलाई है। समिति के सदस्य सचिव को अंतरिम स्थिति रिपोर्ट भी रिकॉर्ड में रखने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एमएसपी और अन्य मुद्दों हल करने का मसौदा तैयार करने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पैनल गठित की है।
कोर्ट ने पैनल से शंभू बॉर्डर पर लगाई पक्की बैरिकेडिंग हटाने के लिए किसानों से बातचीत करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से कहा कि वे अपने आंदोलन का राजनीतिकरण करने से बचें। कोर्ट द्वारा गठित पैनल के साथ अपनी बैठकों में पूरी तरह से मांगें न रखें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की इस कोशिश की हम सराहना करते हैं। पंजाब सरकार ने कहा कि उद्योग, स्कूली बच्चे, दिल्ली एयरपोर्ट आने-जाने वाले सभी परेशान हैं। कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार हाइवे की एक लेन को एंबुलेंस, स्कूल बसें, एमरजेंसी सर्विसेज और आने-जाने वाले लोगों के लिए खोल सकती है, इससे जनजीवन आसान होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मामले को लंबित रखते हैं, किसानों को भी नहीं लगना चाहिए कि उनको अलग थलग और किनारे कर दिया गया है। हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं है। हम अखबारों में पढ़ कर आदेश पारित नहीं करना चाहते। शंभू बॉर्डर पर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन, छात्र, स्कूल बस, स्थानीय लोगों, आपात स्थिति के वाहन आदि के लिए एक लेन दोनों साइड से खुली रहेगी। अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।