कौशांबी। उत्तर प्रदेश में भेड़ियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। आए दिन कहीं न कहीं,कोई न कोई इनका शिकार हो रहा है। पहले बहराइच फिर सीतापुर और अब कौशाम्बी में भेड़ियों ने लोगों पर हमला किया है। बीती रात करीब 3 लोगों पर हमला कर उन्हे गंभीर रुप से घायल कर दिया है। जिन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया।
नेवारी गांव के रहने वाले राजकरन पाल ने बताया कि बुधवार की शाम परिवार के लोग चारा काटने के लिए खेत गए हुए थे। परिवार और गांव की दर्जनों महिलाएं भी बाग में बैठी हुई थी। मेरा ढाई साल का भतीजा प्रियांश भी वहीं खेल रहा था, तभी झाड़ियों से जानवर निकला और बच्चे के गर्दन को पीछे से अपने जबड़े में दबा कर भागने लगा। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर महिलाएं शोर मचाने लगी। तभी मैं और मेरे आस पास मौजूद कुछ चरवाहे दौड़े तो बच्चे को छोड़कर जानवर भाग गया। दिखने में वो जानवर भेड़िया लग रहा था। भेड़िये ने आगे जाकर बकरी चरा रहे रामदास सरोज पर अटैक कर दिया। जब ग्रामीणों ने उसे खदेड़ा तो वह भेड़िया खोजवापुर गांव की तरफ भागा और सोनू पाल के ऊपर भी हमला कर जख्मी कर दिया।नेवारी गांव में भेड़िए की हमले की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे डायल-112 के कांस्टेबल दुर्गेश पांडेय ने बताया कि हमे डायल-112 से इवेंट मिला था। हम गांव आए तो ग्रामीणों ने बताया कि एक ढाई साल के बच्चे समेत तीन लोगों पर भेड़िए ने हमला किया है। हमने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने टीम के साथ सुबह विजिट करने की बात कही है। सुरक्षा के लिहाज से ग्रामीणों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए है, ताकि यदि जंगली जानवर उन पर अटैक करे तो वह अपना बचाव कर सके।
भेड़िये के हमले के बाद इलाके के एक ईंट-भट्ठे के पास तीन जंगली जानवरों के वीडियो भी सामने आया है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ऐसे में अब ग्रामीण लाठी और डंडे लेकर रात में अपने मवेशी और परिवार की रखवाली कर रहे हैं। ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले की पड़ताल के बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों को सूचित किया। नेवारी गांव के रहने वाले ध्यान सिंह ने बताया कि हमारे गांव में पिछले दो दिनो से भेड़िए का झुंड आ रहा है। आज एक बच्चे समेत तीन लोगों पर हमला कर जख्मी कर दिया। भेड़िए के दहशत से हम लोग गर्मी में बाहर सो नहीं पा रहे। इस बात का हमेशा भय बना रहता है कि भेड़िए का झुंड कभी भी गांव में आकर, बच्चे, बकरी और भैंस पर हमला कर सकता है। भीषण गर्मी में बच्चे को भी घर के अंदर सुलाते हैं और हम लोग एकत्र होकर रातभर गांव में भेड़िए से बचाव के लिए पहरा देते हैं। सूचना देने के बाद भी वन विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं आया है। ऐसे में हम लोग अपने परिवार और मवेशी की हिफाजत के लिए रातभर जागते है।