तिरुपति मंदिर विवाद: शंकराचार्य बोले- मंदिरों के रखरखाव का कार्य संत और धर्माचार्य करें, सरकार नहीं

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अयोध्या। गोध्वजा की स्थापना और रामकोट की परिक्रमा के लिए अयोध्या पहुंचे जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में गाय की चर्बी व अन्य जानवरों की चर्बी और मछली का तेल इस्तेमाल किए जाने के मामले पर सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि धर्म का कार्य धर्माचार्यों को करने दिया जाए। मंदिरों के रखरखाव का कार्य भी धर्माचार्य करें। सरकार को मंदिरों पर से अपना नियंत्रण खत्म कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं अयोध्या के सभी संत और धर्माचार्यों से अपील करता हूं कि वो खड़े हों और सरकार के हाथों में मंदिरों का नियंत्रण छीन लें। मंदिर धार्मिक व्यवस्था के अनुसार चलें। धर्माचार्यों को इस दायित्व को संभाल लेना चाहिए।

शंकराचार्य ने कहा कि तिरुपति प्रसादम मामले में जो भी दोषी हैं। उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए। यह आपत्तिजनक है कि मंदिर में भगवान को इस तरह की चीजों का भोग लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी तिरुपति मंदिर से तीन टन लड्डू आए थे जिसका वितरण रामभक्तों को किया गया। लोग प्रसाद का लड्डू बांटकर खाते हैं। ऐसे में लड्डू में पड़े पदार्थ न जाने कितने लोगों के शरीर में चले गए। प्रसाद की पवित्रतता नष्ट होने से लोग आहत हैं।

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