पीएम मोदी बोले- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शांति के पक्षधर, हिंद-प्रशांत पर भी हुई बात

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विलमिंगटन। अमेरिका के डेलावेयर में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी है। उन्होंने कहा कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड देशों को एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के पहले चरण में शनिवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) अमेरिका के फिलाडेल्फिया हवाई अड्डे पर पहुंचे। क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए रास्ते खोजे।

इसके बाद, पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरन उन्होंने कहा, ‘क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है।उन्होंने कहा, क्वाड देशों ने स्वास्थ्य, सुरक्षा, महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहल की हैं। कहा, ‘हमारा स्पष्ट संदेश है- क्वाड यहां रहने, सहायता करने, साझेदारी करने और पूरक बनने के लिए है।’ इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडन और अपने सभी सहयोगियों को इस सम्मेलन के लिए बधाई दी। साथ ही 2025 में भारत में क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

 

चुनौतियां आएंगी, दुनिया बदल जाएगी, लेकिन क्वाड बरकरार रहेगा: बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्वाड समिट के दौरान इंडो-पैसिफिक के साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप के साथ ही चुनौतियों पर बात की। इस दौरान बाइडन ने कहा, हम लोकतांत्रिक देश जानते हैं कि काम कैसे करना है। यही कारण है कि मैं राष्ट्रपति पद के पहले दिनों में यह प्रस्तावित करने के लिए कि हम क्वाड को और अधिक परिणामी बना रहे हैं, प्रत्येक राष्ट्र तक पहुंचा। चार साल बाद, चारों देश पहले से कहीं अधिक रणनीतिक रूप से एकजुट हैं।

 

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