कोर्ट के फैसले पर BJP ने की सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग, कांग्रेस को बताया भ्रष्टाचार की दुकान

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बंगलूरू। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनपर केस चलाने की मंजूरी दे दी है। सिद्धारमैया ने एमयूडीए मामले में उनके खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा जांच के लिए दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती देने वाली सीएम सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के इस फैसले पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे भाजपा की राजनीतिक साजिश बताता। वहीं भाजपा नेताओं ने भी इसका पलटवार करते हुए सीएम से इस्तीफे की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को भ्रष्टाचार की दुकान बताया।
भाजपा नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती देने वाली सीएम सिद्धारमैया की याचिका खारिज करने के के कोर्ट के फैसले पर भाजपा के प्रवक्ता शहवाज पूनावाला ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कोई नैतिक और कानूनी अधिकार नहीं बनता कि वो मुख्यमंत्री बने रहें। आज कांग्रेस पार्टी ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ बन चुकी है। आज भ्रष्टाचार की दुकान का पर्दाफाश हुआ है और सिद्धारमैया को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। क्या राहुल गांधी इस भ्रष्टाचार की दुकान के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?”

कर्नाटक में भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, “भाजपा लगातार कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ लड़ रही है। हम भ्रष्ट सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ लड़ रहे हैं। भाजपा ने एमयूडीए घोटाला का मुद्दा उठाया। हाई कोर्ट ने कहा कि सीएम द्वारा चुनौती दी गई याचिका खारिज कर दी गई है। न्यायाधीश ने कहा कि कानून क समक्ष सभी बराबर हैं। इस समय मैं सीएम सिद्धारमैया से इस्तीफा देने की मांग करता हूं।”उन्होंने आगे कहा, “हमने पहले भी कहा कि एमयूडीए घोटाले में सीएम शामिल हैं उनके परिवार वाले लाभार्थी हैं। भ्रष्ट मुख्यमत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर हमने बंगलूरू से मैयूर तक पदयात्रा निकाली। सीएम और कैबिनेट के मंत्रियों ने राज्यपाल पर कई आरोप लगाए। जब यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा जो आज कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई कानून के मुताबिक थी। इससे यह संकेत मिलता है कि सीएम और उनका परिवार इस घोटाले में शामिल था। हमने सीएम से इस्तीफे की मांग की। मुझे उम्मीद है कि सीएम सिद्धारमैया हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे।” भाजपा नेता सीटी रवि ने कहा, “कानून सभी के लिए बराबर है। कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम सिद्धारमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए। सभी भ्रष्ट नेता यही कहते हैं कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। सीएम सिद्धारमैया एक भ्रष्ट नेता है।”

सीएम सिद्धारमैया के बचाव में उतरे डिप्टी सीएम
हाईकोर्ट के फैसले के बाद डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार सीएम सिद्धारमैया के बचाव में आए। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। वह किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं। यह भाजपा द्वारा एक राजनीतिक साजिश है। हम उनके साथ खड़े हैं, हम उनका समर्थन करते हैं। वह देश, पार्टी और राज्य के लिए अच्छा काम कर रहे हैं।” कर्नाटक मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, “हमें कानून पर भरोसा है। हम इसका मुकाबला करेंगे। हम डबल बेंच, अन्य बेंच और सुप्रीम कोर्ट में (फैसले पर) सवाल उठाएंगे। हम मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं।”

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कर्नाटक में मुदा जमीन आवंटन घोटाले में सीएम सिद्धारमैया को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनके खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। राज्यपाल के आदेश को सीएम सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने सुनवाई 31 अगस्त तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने 19 अगस्त के अंतरिम आदेश को भी बढ़ा दिया। इसमें हाईकोर्ट ने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट को सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई को अगली कार्यवाही तक स्थगित करने के लिए कहा था।

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