MCD Standing Committee Election: ‘आज जो एक बजे बैठक बुलाई गई, वह पूरी तरह से गैरकानूनी’, LG के आदेश पर घमासान

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नई दिल्ली। दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को 5 अक्टूबर को स्थायी समिति के छठे सदस्य के लिए चुनाव कराने का निर्देश दिया है। उधर, गुरुवार को दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने 27 सितंबर को दोपहर 1 बजे स्थायी समिति सदस्य चुनाव कराने का आदेश जारी किया। चुनाव को लेकर दिल्ली सरकार, मेयर और राजनिवास के बीच चले टकराव के बाद एलजी के आदेश पर आयुक्त ने रात को यह निर्देश जारी किया। इसके मुताबित समिति सदस्य का चुनाव आज दिन में कराया जाएगा।
उपराज्यपाल ने मेयर का आदेश पलटा
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्थायी समिति की एक सदस्य के रिक्त पर चुनाव कराए बिना सदन की बैठक स्थगित करने के मेयर शैली ओबराय के फैसले को पलट दिया। उन्होंने मेयर के फैसले के करीब चार घंटे बाद रात आठ बजे आयुक्त को आदेश दिया कि रात 10 बजे तक चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के बारे में उन्हें रिपोर्ट सौंपी जाए। उपराज्यपाल ने आदेश में कहा कि मेयर के चुनाव कराने से इंकार करने की स्थिति में डिप्टी मेयर को चुनाव कराने के लिए नियुक्त किया जाए। यदि डिप्टी मेयर भी इंकार करते हैं, तो सदन के वरिष्ठ सदस्य को बैठक की अध्यक्षता करने के लिए कहा जाए। उपराज्यपाल के निर्देश के तहत आयुक्त ने सदन की बैठक में चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने के बारे में मेयर कार्यालय को अवगत कराया। 

उधर, आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि एमसीडी की बैठक बुलाने का अधिकार उपराज्यपाल और कमिश्नर को नहीं है। यह बैठक केवल और केवल मेयर ही बुला सकती हैं। आज जो 1 बजे बैठक बुलाई गई है, वह पूरी तरह से गैरकानूनी है। मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘भाजपा के एलजी के कहने पर एमसीडी कमिश्नर कुछ भी लिखकर पत्र जारी कर देते हैं, फिर चाहे वह ग़ैरक़ानूनी ही क्यों ना हो। एमसीडी क़ानून में साफ लिखा गया है कि काउंसिल की मीटिंग मेयर, डिप्टी मेयर या किसी सीनियर सदस्य की अध्यक्षता में ही हो सकती है। कल को अगर नरेंद्र मोदी जी मौजूद नहीं होंगे तो क्या कोई आईएएस अधिकारी बैठकों की अध्यक्षता कर सकता है? अगर नहीं तो एमसीडी बैठक की अध्यक्षता कोई अधिकारी कैसे कर सकता है दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, ‘कल रात को उपराज्यपाल के निर्देश पर कमिश्नर द्वारा एक आदेश जारी किया गया कि ‘आज 1 बजे स्थायी समिति के 6वें सदस्य का चुनाव होगा’। वह आदेश पूरी तरह से अवैध है। डीएमसी एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं। उपराज्यपाल के पास किसी भी प्रकार की शक्ति नहीं है कि वे हाउस की मीटिंग में हस्तक्षेप कर पाएं। कल भी भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया में खलल डाली। कल मजबूरन मुझे सदन 5 तारीख तक स्थगित करना पड़ा। अगर हम कानून की बात करें तो वैध चुनाव 5 अक्टूबर को ही होंगे। मेयर होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से हों। भाजपा को समझना होगा कि नगर निगम में इस तरह की तानाशाही नहीं चलेगी।
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