जबलपुर. संक्रमण के मामले में मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. चिकनगुनिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया और अब जापानी इंसेफेलाइटिस की दस्तक ने स्वास्थ्य महकमे की नींद उड़ा दी है. हाल ही में आईसीएमआर की रूटीन स्क्रीनिंग में 2 बच्चों में जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण मिले हैं. इसके बाद हड़कंप की स्थिति बन रही है. मच्छर से होने वाली बीमारी जापानी इंसेफेलाइटिस का संक्रमण पिग्स (सूअर) के जरिए फैलता है यानी जिन स्थानों पर पिग्स की मौजूदगी रहती है वहां संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. इस बीमारी को बेहद घातक माना गया है जो सीधे बच्चों के मस्तिष्क पर असर करता है. 10 से 15 दिनों में ही अगर इस बीमारी की प्राथमिक रोकथाम नहीं की गई तो यह बीमारी मरीज को कोमा तक ले जाती है और अंत में मरीज की मौत भी हो सकती है.
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को किया अलर्ट
जबलपुर जिले के सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि दो अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्र में 2 बच्चों में जापानी इंसेफेलाइटिस पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. स्वाथ्य विभाग ने इन दोनों ही स्थानों पर अलग-अलग टीमों को तैनात कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि ये टीमें पीड़ित के आसपास के 40 घरों में सैंपलिंग का काम कर रही है. इसके साथ ही साथ स्क्रीनिंग के अलावा अन्य जरूरी सावधानी जैसे फॉगिंग और मच्छरों की रोकथाम के लिए जो जरूरी उपाय अपनाना चाहिए. बीमारी से बचने जागरूकता को लेकर भी एक बार फिर कमर कस ली गई है. स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ लोगों को भी संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूक होना होगा और घरों के आसपास साफ सफाई रखना होगी.