अभिनेता आयुष्मान खुराना ने बताया कि उनकी तरह उनके गाने भी किसी फॉर्मूले या ट्रेंड में बंधे हुए नहीं होते है। आयुष्मान ने इंटरनेशनल म्यूजिक डे के मौके पर अपने संगीत सफर और दृष्टिकोण पर खुलकर बात की। अनोखी फिल्मों और दमदार एक्टिंग के लिए अलग पहचान बनाने वाले आयुष्मान ने कहा, मेरी फिल्मों की तरह मेरा संगीत भी किसी फॉर्मूले में बंधा हुआ नहीं है। मैं एक कलाकार होने के नाते कोई खास रूल फॉलो नहीं करता और न ही कभी करना चाहता हूं। मैंने हमेशा अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति को बिना किसी बंधन के पेश किया है, और मुझे खुशी है कि दर्शकों ने इसे स्वीकार किया है। आयुष्मान ने बताया कि उनके लिए हर बार कुछ नया और अनोखा करना बेहद रोमांचक होता है। मैं कभी भी ट्रेंड को फॉलो करने के जाल में नहीं फंसता।
अगर हो सके तो मैं खुद एक नया ट्रेंड सेट करना चाहता हूं। मेरी फिल्में और संगीत हमेशा मेरे इस विश्वास को बनाए रखेंगे। आयुष्मान जल्द ही अपने नए गाने जचदी में नजर आएंगे, जिसमें उन्होंने अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर काम किया है। इस गाने को लेकर उन्होंने कहा, ढोल की थाप के साथ पंजाबी म्यूजिक का त्योहारों के जोश में और भी रंग भरने वाला है। मुझे पूरा यकीन है कि यह गाना नवरात्रि के दौरान लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देगा। आयुष्मान ने अपने जीवन में संगीत के महत्व पर भी बात की और बताया कि कैसे संगीत ने हमेशा उनके साथ दिया है। संगीत मेरे जीवन के उतार-चढ़ाव में हमेशा से मेरा साथी रहा है। जचदी में काम करते हुए मैंने गरबा बीट्स को पंजाबी धुनों के साथ मिलाया है, जो एक नया और खास अनुभव है।बरेली की बर्फी फेम अभिनेता ने इस बात पर जोर दिया कि वह हमेशा अपने काम में रचनात्मकता और अलग दृष्टिकोण लाने का प्रयास करते हैं।