‘अब कोई ‘अभया’ न हो, ये हमारी जिम्मेदारी’, अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डॉक्टर्स अपनी मांगों पर अड़े

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कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के विरोध में और अपनी मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन अब अनिश्चितकालीन धरने में बदल गया है। इससे पहले डॉक्टर्स ने राज्य सरकार को उनकी मांगों पर अमल करने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया था, लेकिन जब सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो डॉक्टर्स ने शनिवार रात साढ़े आठ बजे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

‘अभी भी दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुक रहीं’
धर्मतला में धरने पर बैठी एक जूनियर डॉक्टर ने कहा कि ‘जब तक हमारी न्याय की मांग नहीं मानी जाती तब तक हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। अभया के साथ जब दुष्कर्म हुआ और उसकी हत्या हुई, उससे पहले उसे कई बार धमकियां मिलीं। कोई भी अभया हो सकता है। ऐसे में ये हमारी जिम्मेदारी है कि अब कोई और अभया न हो। एक तरह हम भूख हड़ताल कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम देख रहे हैं कि एक और नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हो गई है। आरजी कर की घटना के बाद कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। हम सभी डॉक्टर्स धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सिर्फ छह ड्यूटी कर रहे हैं ताकि नवरात्रि के दौरान किसी मरीज को परेशानी न हो।’

डॉक्टर्स की ये हैं मांगें
प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स की राज्य सरकार से जो मांगें हैं, उनमें राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल पद से हटाने की मांग और स्वास्थ्य विभाग में कथित प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार को लेकर जवाबदेही की मांग शामिल हैं। साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, बेड रिक्ति की निगरानी करने वाली प्रणाली और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन कॉल रूम और वॉशरूम के लिए जरूरी प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स गठित करने की मांग शामिल है। इनके अलावा डॉक्टर्स अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने और डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की मांग कर रहे हैं। साथ ही डॉक्टर्स राज्य के हर मेडिकल कॉलेज में छात्र परिषदों के चुनाव कराए जाने और सभी कॉलेजों से रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) को मान्यता देने की भी मांग कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का प्रबंधन करने वाली सभी समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने, जूनियर डॉक्टर्स पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (डब्ल्यूबीएमसी) और पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड (डब्ल्यूबीएचआरबी) के भीतर कथित भ्रष्टाचार और अराजकता की तत्काल जांच की भी मांग कर रहे हैं।
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