31 करोड़ के प्रोजेक्ट में डिजाइन गड़बड़ी, कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर जुर्माना लगाया
पुलिस मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट, पुलिस जवानों को मिले फ्लैट्स में पजेशन
भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन ने 31 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में सामने आई गड़बड़ियों को सुधारते हुए पुलिस जवानों के लिए आवास तैयार कर दिए हैं। बालाघाट में 36वीं बटालियन के जवानों के लिए बनाए जा रहे फ्लैट्स में आर्किटेक्ट की गलतियों के कारण बैकवॉटर की समस्या उत्पन्न हो गई थी, लेकिन अब इसे सही कर दिया गया है। मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जवानों को फ्लैट्स का पजेशन भी मिल गया है।
दरशल, यह प्रोजेक्ट 2018 में शुरू किया गया था, लेकिन आर्किटेक्ट की नासमझी के कारण भवन की ऊंचाई कम रखी गई और पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई थी। जब यह समस्या सामने आई, तो पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन ने प्रोजेक्ट में सुधार किया। अब ग्राउंड फ्लोर के फ्लैट्स को तोड़कर पार्किंग बना दी गई है और पानी निकासी के लिए अंडरग्राउंड डक और ड्रेनेज सिस्टम भी तैयार किया गया है। कॉलोनी के आसपास की जलभराव की समस्या को हल करने के लिए बड़ी रिटेनिंग वॉल बनाई गई है ताकि डैम के पानी से जलभराव की समस्या पैदा न हो। मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन की ओर से इस पूरे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग को भेजी जा चुकी है।
– कंपनी हुई ब्लैकलिस्ट, जुर्माना भी लगाया
जांच के दौरान, मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन ने पाया कि आर्किटेक्ट की ओर से गड़बड़ी की गई थी, जिसके बाद उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया और जुर्माना भी लगाया गया। अधिकारियों ने कहा कि इस समय पुलिस के लिए फ्लैट्स पूरी तरह से तैयार हैं और मुख्यमंत्री द्वारा गृह प्रवेश का कार्यक्रम भी अगले 2-3 महीनों में कराया जाएगा।
इनका कहना है
मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध संचालक उपेंद्र जैन ने कहा, बालाघाट में पुलिसकर्मियों के लिए आवास बनाते समय कुछ गड़बड़ियां सामने आई थीं, जिन्हें सुधारने के बाद अब प्रोजेक्ट तैयार है। आर्किटेक्ट की गलती के कारण कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।