21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी, हममें एकता जरुरी

ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन को पीएम मोदी ने किया संबोधित

17

वियनतियाने। पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से ही आसियान देशों के बीच एकता को सपोर्ट करता रहा है। 21वीं सदी इंडिया और आसियान देशों की सदी है। आसियान भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड को-ऑपरेशन के केंद्र में है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर में अलग-अलग जगह जारी जंग का सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। ऐसे में दुनिया में शांति बहाल करना बहुत जरूरी है। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं। हमने हमेशा यही कहा है कि यह जंग का युग नहीं है। 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी ईस्ट एशिया समिट शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की।
उन्होंने मिल्टन तूफान में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। इससे पहले पीएम मोदी ने गुरुवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में इंडिया-आसियान समिट में हिस्सा लिया। इस दौरान मोदी ने इंडिया-आसियान समिट को संबोधित भी किया था। उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि 21वीं सदी इंडिया और आसियान देशों की सदी है। आज जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत और आसियान की मित्रता, संवाद और सहयोग बहुत अहम है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैंने भारत की एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की थी।
पिछले एक दशक में इस नीति ने भारत और आसियान देशों के संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है। साथ ही मोदी ने लाओस में भारत और ब्रुनेई के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने का भी ऐलान किया है। पीएम मोदी से लाओस पहुंचने पर बौद्ध भिक्षुओं ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने वियनतियाने में लाओस की रामायण भी देखी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.