नई दिल्ली। दशहरा असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है। इसे अबूझ मुहूर्तों में से एक माना जाता है। इस कारण दशहरा के दिन विवाह करने से लेकर गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष दशहरा पर्व संपूर्ण भारत में शनिवार, 12 अक्टूबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। जानकारी अनुसार दशमी तिथि सुबह 10:58 बजे से प्रारंभ होगी और दूसरे दिन 13 अक्टूबर को दशमी तिथि का समापन सुबह 9:08 बजे होगा। श्रवण नक्षत्र प्रात: 5:25 बजे शुरू होगा।
इस प्रकार इस वर्ष दशहरा की तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 बजे से प्रारंभ हो रही है जो 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 बजे समाप्त होगी। इस स्थिति में दशहरा पर्व 12 अक्टूबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
इस वर्ष दशहरा पर सर्वार्थ सिद्धि योग एवं श्रवण नक्षत्र का विशेष संयोग बना है, जो इसे और अधिक शुभ बनाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग 12 अक्टूबर को प्रात: 5:25 बजे से 13 अक्टूबर को प्रात: 4:27 बजे तक रहेगा। श्रवण नक्षत्र भी इसी अवधि में रहेगा, जो पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए अतिउत्तम शुभ फलदायक माना जाता है। दशहरा पर पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2:02 बजे से 2:48 बजे तक है। दशहरा पर शस्त्र पूजा का अपना एक विशेष महत्व है। वहीं शमी और अपराजिता वृक्ष की पूजा का भी अपना विधान है। मान्यता अनुसार दशहरा पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना भी शुभ माना जाता है। इसे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व न केवल धर्म की जीत का पर्व है, बल्कि बुराई के अंत और अच्छाई के प्रसार का संदेश भी हमें देता है।
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