हमने दिल की बातें की, हमने दिल से बातें की, हमने दिल खोलकर बातें की, हमने दिल ही दिल में बातें की, हमने दिल का भरपूर और बेतहाशा उपयोग किया परंतु दिल की तासीर उसकी संवेदनशीलता और उसकी नजाकत ,हम न परख पाए और न समझ पाए ।
इन सर्दियों में आपका दिल भी अपने दिल की कुछ बातें आपसे करना चाह रहा है, उस मासूम दिल की कुछ बातें हम सब कुछ छोड़ छाड़ , कुछ ध्यान देकर सुन लें तो दिल भी मौज से सालों साल धड़कता रहेगा !
सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं और हम अनजान बने दिल का रखरखाव भी ढंग से नहीं कर पाते।
हार्ट अटैक से कैसे बचें इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ छोटी-छोटी बातों का सख्ती और गंभीरता से पालन करना शुरू करें।
- ठंड में अचानक बिस्तर से उठना, टॉयलेट के लिए उठना है या सुबह बिस्तर से उठना है तो यह ख्याल रखा जाए कि जगाने के तीन, साढ़े तीन मिनट बाद ही आप बिस्तर से उतरे ,खासकर 50 साल या इससे अधिक उम्र के व्यक्ति लापरवाही नहीं बरतें। सर्दी में सोते समय रक्त ज्यादा गढ़ा हो जाता है तब बिस्तर से अचानक खड़े हो जाने से रक्त संचार हृदय और मस्तिष्क में नहीं पहुंच पाता ऐसे में हृदय घात की आशंका सर्वाधिक बनी रहती है । ठंड के मौसम में ,रात को या सुबह उठना हो तो पहले आधे मिनट नींद से उठने के बाद लेटे रहें तथा अगले आधे मिनट बिस्तर में बैठे रहे, इसके बाद 2 मिनट पर पैर लटका कर बैठे रहे (इस अवधि में आप अपने आराध्य का स्मरण भी कर सकते हैं )तथा इन तीन साढे तीन मिनट में रक्त संचार सामान्य होने के पश्चात खड़े होकर टॉयलेट या घर में कहीं जा सकते हैं रक्त संचार सामान्य होने से हृदयघात की संभावना नहीं रहेगी।
- ठंड में सुबह उठकर लोग एक-दो लीटर पानी पी जाते हैं ठंड में उठकर ठंडा और अधिक पानी पीना हार्ट के लिए ठीक नहीं है, ठंडा पानी हमारे शरीर के तापमान में अचानक कमी कर देता है जो ” परिधीय संवहनी प्रतिरोध “(PAOD) को बढ़ाती है, ये स्थिति बहुत तेजी से ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है जिससे हार्ट स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा हो सकता है ।वैसे सर्दियों के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए हर एक दिन लगभग दो से ढाई लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
- प्रातः जल्दी उठकर व्यायाम करना एवम प्रातः सैर करना ,सेहत के लिए फायदेमंद होता है,डॉक्टर्स भी सुबह भ्रमण एवम प्रातः एक्सरसाइज की सलाह देते हैं लेकिन अधिक उम्र के व्यक्तियों, हार्ट या ब्लड प्रेशर के मरीजों को सर्दियों में प्रातः जल्दी उठकर हैवी एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए या सूर्य निकलने के पहले सैर पर जाने से बचना चाहिए । शीत काल का मौसम कार्डियोवेस्कुलर सिस्टम पर दबाव बढ़ाता है जिससे खून की नलिकाओं पर दवाब बढ़ने लगता है इसलिए ठंड में एक्सरसाइ करना तो जरूरी है परंतु हैवी एक्सरसाइज और ओवर एक्सरसाइज करना या फिर शारीरिक गतिविधि से एकदम ही निष्क्रिय रहना दोनों स्थितियां ही हार्ट के लिए खतरनाक हो सकती है, आप सर्दी में 8:00 बजे के लगभग हल्के व्यायाम के साथ दिन की शुरुआत कर सकते हैं शीघ्रता से किए जाने वाले योग अभ्यास या तीव्रता से श्वास लेने एवं छोड़ने के प्राणायाम जैसे भस्त्रिका प्राणायाम,सुदर्शन क्रिया भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं और इससे भी आपके हृदय को नुकसान पहुंच सकता है .
- अगर आपकी आयु 50 साल या अधिक है तो आपको सुबह जल्दी नहाने से बचना चाहिए, सुबह जल्दी ठंडे पानी से नहाना हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है, ठंड में नहाते समय सीधे सिर पर ठंडा या गर्म पानी डालने की गलती कतई भी नहीं करें, इससे ब्लड प्रेशर अत्यधिक बढ़ सकता है या कम हो सकता है, ठंडे पानी को सिर पर डालने से रक्त की नलिकाएं सिकुड़ सकती हैं, ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है और ब्रेन स्ट्रोक, लकवा या हार्ट अटैक होने का खतरा पैदा हो सकता है। अधिक गर्म पानी से नहाने से ऑप्टिकल नर्व पर असर पड़ता है जिससे आंखों की रोशनी प्रभावित होती है तथा यह त्वचा की प्राकृतिक मॉइश्चर को खत्म कर देता है, जिससे त्वचा सूखी, शुष्क हो जाती है। पानी ना बहुत गर्म हो और ना ही बहुत ही ठंडा । नहाते समय गुनगुने पानी को पहले कुछ देर हाथ और पैरों पर डालें उसके बाद शरीर पर, छाती पर और सबसे बाद सिर पर डाल कर नहाएं।