नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार ने पार्टी में कलह बढ़ा दी है। चुनाव में कुमारी सैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा के बीच सीधा टकराव था। इसके अलावा तीसरा धड़ा रणदीप सिंह सुरजेवाला का था। अब यह कलह फिर से सतह पर नजर आ रही है। सैलजा ने तो हाईकमान से मांग की है कि संगठन में बदलाव किया जाए। इस तरह फिर से उनका सीधा निशाना भूपिंदर सिंह हुड्डा पर ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को हुड्डा का ही करीबी माना जाता है।
सिरसा की सांसद ने कहा कि इन नतीजों ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निराश किया है, लेकिन वह हताश नहीं हैं। हाईकमान हार की पड़ताल करेगा। सैलजा का कहना है कि इस हार पर चिंता करने की बजाय पार्टी को उसके कारणों की पड़ताल करना चाहिए और मंथन करना होगा।
उन्होंने संगठन में बदलाव पर जोर दिया और कहा कि बीते 10 सालों में संगठन ठीक से काम नहीं कर रहा है। सैलजा ने कहा कि पार्टी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी कार्यकर्ताओं से बात करेगी और उनकी राय ली जाएगी। यह पूछा जाएगा कि आखिर आप हार के क्या कारण मानते हैं। सैलजा ने कहा रिपोर्ट आने के बाद ही हाईकमान फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि हमारी जो हार हुई है, उसका अनुमान तो किसी को भी नहीं था। फिर भी किसी नतीजे तक पहुंचने से पहले हम फीडबैक लेंगे।
वहीं आपसी कलह पर राहुल गांधी के गुस्से वाली खबरों को सैलजा ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि अब तक इस पर उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बता दें कि हरियाणा चुनाव की बड़ी वजह कलह को ही माना जा रहा है। चर्चा है कि भूपिंदर सिंह हुड्डा के हाथ में ही चुनाव की पूरी कमान होने से सैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने दूरी बना ली।
इसके अलावा कैप्टन अजय सिंह यादव जैसे नेता भी उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में कुमारी सैलजा की ओर से बदलाव की मांग ने रार को नए सिरे से तेज कर दिया है। बता दें कि सभी एग्जिट पोल्स में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की गई थी लेकिन जब नतीजे आए तो कांग्रेस नेता समेत राजनीतिक पंडित भी हैरान रह गए।
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