चीन सीमा के पास गाँव में फंसे मुख्य चुनाव आयुक्त, पूरी रात अंधेरे में बिताई

16 घंटे बाद रेस्क्यू कर हेलीकॉप्टर से सुरक्षित मुनस्यारी पहुंचाया

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देहरादून। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में खराब मौसम के चलते चीन सीमा के पास एक सुदूर गाँव रालम में फंस गए थे। करीब 16 घंटे बाद गुरुवार सुबह उन्हें हेलीकॉप्टर से सुरक्षित मुनस्यारी पहुँचाया गया। राजीव कुमार मिलम जा रहे थे, तभी खराब मौसम के कारण उनके हेलीकॉप्टर को रालम गाँव में उतरना पड़ा। यह घटना बुधवार को हुई। उनके साथ उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे और सीईसी के पीएसओ नवीन कुमार भी थे। रात उन्हें ग्रामीणों की मदद से एक घर मिला और उन्होंने पूरी रात अंधेरे में आग के सामने हाथ तापते हुए बिताई।
रालम गाँव में बिजली और फ़ोन जैसी बुनियादी सुविधाएँ नहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के कारण तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। राजीव कुमार और उनकी टीम इस ठंड और असुविधा का सामना करना पड़ा। गुरुवार सुबह मौसम साफ होने पर उन्हें और उनकी टीम को हेलीकॉप्टर से मुनस्यारी लाया गया। मुनस्यारी हेलीपैड पर पिथौरागढ़ के प्रशासनिक अधिकारी, आईटीबीपी और बीआरओ के अधिकारी और कर्मचारी उनकी अगवानी के लिए मौजूद थे। यह घटना पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता को दर्शाती है। राहत की बात यह है कि सीईसी और उनकी टीम सुरक्षित हैं।
चीन के कब्जे वाले तिब्बत की सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले के इस सुदूर इलाके में देश के आजाद होने के बाद भी माइग्रेशन होता है। रालम में रहने वाले लोगों को बिजली संकट से जूझना पड़ता है। शासन-प्रशासन रालम गांव को आज भी बिजली सेवा से नहीं जोड़ सका है लेकिन हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिग के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य लोगों को भी इस समस्या से जूझना पड़ा। मदद पहुंचने में होने वाली देरी से रालम में फंसे मुख्य चुनाव आयुक्त और उनकी टीम के लिए गांव में रात गुजरना ही आखिरी विकल्प था। गांव में एक घर खुलवाया गया। चीन सीमा के नजदीक बसे इस गांव में हर साल अप्रैल से अक्टूबर प्रथम सप्ताह तक तीन हजार से ज्यादा लोग माइग्रेट होकर पहुंचते हैं। करीब साढ़े चार माह तक ग्रामीण रालम में ही रहते हैं।

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