अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विवादों से घिरा ऐलन मस्क का दांव

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वाशिंगटन। अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच है। इसमें अरबपति एलन मस्क की इंट्री ने एक नया विवाद छेड़ दिया है। मस्क ने घोषणा की है कि वह नवंबर के चुनाव तक हर दिन 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 80 मिलियन रुपये) देंगे, जो उनकी ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर करेगा। पहला पुरस्कार ट्रंप समर्थक एक पीएसी (पॉलिटिकल एक्शन कमिटी) कार्यक्रम में दिया जाएगा। हालांकि, इस भुगतान की वैधता को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

गवर्नर ने चिंता जाहिर की
इस बीच, पेनसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो ने रविवार को एनबीसी के मीट द प्रेस पर मस्क की इस योजना को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, पेन्सिलवेनिया में मतदाताओं को पैसा देने की मस्क की योजना बेहद चिंताजनक है और इसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जांचा जाना चाहिए। इसके अलावा, चुनाव कानून विशेषज्ञों ने भी इस योजना पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि संघीय कानून के प्रावधान मतदाताओं को नकद भुगतान करने पर रोक लगाते हैं। मस्क के इस विवादित कदम से राष्ट्रपति चुनाव में नया मोड़ आ गया है, और अब देखना होगा कि यह कदम चुनावी प्रक्रिया पर किस तरह का प्रभाव डालता है।

एक मिलियन डॉलर का चेक सौंपा
मस्क ने पेनसिल्वेनिया के हैरिसबर्ग में अपने अमेरिका पीएसी कार्यक्रम में 1 मिलियन डॉलर का चेक जॉन ड्रेहर नामक एक व्यक्ति को सौंपा, जो ट्रंप के समर्थकों को एकजुट करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। मस्क ने ड्रेहर को चेक देते हुए मजाकिया अंदाज में कहा, वैसे, जॉन को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। तो खैर, आपका स्वागत है। मस्क के इस कदम को ट्रंप और उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के बीच कड़े मुकाबले में अपनी संपत्ति का इस्तेमाल कर चुनावी परिणामों को प्रभावित करने का एक और प्रयास माना जा रहा है। मस्क के अमेरिका पीएसी संगठन का उद्देश्य युद्ध के मैदान वाले राज्यों में ट्रंप समर्थकों को जुटाना और मतदाताओं को पंजीकृत करना है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह संगठन अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में संघर्ष कर रहा है।

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