भारत से विवाद के बीच खतरे में आई पीएम ट्रूडो की कुर्सी, अपनी ही पार्टी ने दिया इस तारीख तक का समय

22
ओटावा। भारत से जारी राजनयिक विवाद के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने घर में ही घिर गए हैं। दरअसल ट्रूडो की पार्टी के सांसदों ने ही उन्हें चौथे कार्यकाल के लिए दावेदारी पेश नहीं करने और पद से इस्तीफा देने को कहा है। इतना ही नहीं लिबरल पार्टी के सांसदों ने ट्रूडो को इस पर फैसला लेने के लिए 28 अक्तूबर तक की डेडलाइन तय कर दी। कुछ सांसदों ने तो यहां तक कह दिया कि अगर 28 अक्तूबर तक ट्रूडो ने पद छोड़ने का फैसला नहीं किया तो उन्हें इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।

ट्रूडो की गिरती लोकप्रियता बनी वजह
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो और उनकी पार्टी की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है। यही वजह है कि ट्रूडो पर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव डाला जा रहा है। हाल ही में जस्टिन ट्रूडो ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक भी की थी। इस बैठक के बाद ट्रूडो ने कहा था कि लिबरल पार्टी मजबूत और एकजुट है, लेकिन पार्टी के ही 20 सांसदों ने अलग कहानी बताई। दरअसल 20 सांसदों ने एक चिट्ठी लिखकर ट्रूडो से पीएम पद से इस्तीफा देने की मांग की है। इन सांसदों ने अगले चुनाव से पहले ही ट्रूडो से इस्तीफा मांगा है।

क्या बोले ट्रूडो का विरोध करने वाले सांसद
कनाडा की लिबरल पार्टी के एक सासंद केन मैकडोनाल्ड का कहना है कि ‘उन्हें सुनना शुरू करना चाहिए और लोगों की बातें सुननी चाहिए।’ केर मैकडोनाल्ड भी उन 20 सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने ट्रूडो को पद से हटाने की मांग को लेकर चिट्ठी लिखी है। मैकडोनाल्ड ने कहा कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी वजह लिबरल पार्टी की गिरती लोकप्रियता है। गौरतलब है कि जस्टिन ट्रू़डो ने संकेत दिए हैं कि वह चौथे कार्यकाल के लिए भी अपनी दावेदारी पेश करेंगे। हालांकि दो जिलों टोरंटो और मॉन्ट्रियल में हुए विशेष चुनाव में ट्रूडो की पार्टी लिबरल को हार का सामना करना पड़ा है। जिसके बाद ट्रूडो की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। हालिया सर्वे में भी ट्रूडो की लिबरल पार्टी विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी से पीछे है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.