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जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि और पाठ्य-पुस्तक घोटाले में बनाए गए आरोपी स्कूल संचालकों और स्टॉफ के खिलाफ फिलहाल कोई कड़ी कार्रवाई न करने की बात कही है। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने संचालकों व स्टॉफ को कहा कि वे जिला समिति की जांच में पूरा सहयोग करें। इसके साथ ही युगलपीठ ने जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए अपेक्षित दस्तावेज जांच समिति के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं। यह अपील रॉयल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के एमडी राघवेंद्र सिंह चौहान और प्राचार्य वर्षा चौहान, लिटिल किंगडम की सचिव पलक तिवारी, स्मॉल वंडर्स के संचालकों, नचिकेता हायर सेकेंडरी स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल व अन्य की ओर से दायर की गई थी। अपीलार्थियों की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि चूंकि अब छुट्टियां हैं, इसलिए प्रशासन याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है और उन्हें गिरफ्तार भी कर सकता है। इस पर यह अपील दायर की गई है। उल्लेखनीय है कि अभिभावकों की शिकायत पर जिला प्रशासन समिति ने स्कूल फीस, पाठ्य- पुस्तक व अन्य अनियमितता को लेकर उक्त स्कूल प्रबंधकों व स्टॉफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। बाद में कुछ लोगों को जमानत मिल गई है, जिसके बाद कुछ लोगों की एकलपीठ के समक्ष से याचिका निरस्त हो गई थी, जिस पर उन्होंने पुन: हाईकोर्ट की शरण लेते हुए उक्त अपील दायर की।