अयोध्या में दिवाली: आकाश में नजर आएंगे प्रभु राम, बेहद खास होगा अयोध्या में दीपोत्सव

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अयोध्या। भगवान राम की नगरी में इस बार का दीपोत्सव विशेष भव्यता और दिव्यता के साथ मनाने की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। जिले के प्रभारी मंत्री और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संतों के साथ बैठक करके इस बार के दीपोत्सव को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा की। बैठक में अयोध्या के प्रमुख मठों और मंदिरों के संत महंत भी शामिल हुए। इस वर्ष दीपोत्सव का आयोजन 30 अक्टूबर को होगा, जो भगवान रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद का पहला दीपोत्सव है। इस बार का दीपोत्सव विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि सरकार ने इसे भव्य बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इसमें एक साथ 25 लाख दीपक जलाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही सरयू नदी की महा आरती का भी आयोजन किया जाएगा।

1100 वैदिक ब्राह्मण करेंगे आरती
प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि दीपोत्सव की तैयारियों के तहत साधु संतों से भी सुझाव लिए गए हैं। उन्होंने कहा, दीपोत्सव को दिव्य बनाने के लिए सजावट का विस्तार किया गया है, ताकि श्रद्धालु राम की नगरी की सुंदरता को देख सकें। इस बार दीपोत्सव में 1100 वैदिक ब्राह्मण एक साथ सरयू आरती में शामिल होंगे। इसके अलावा, ड्रोन शो के जरिए भगवान राम के जीवन प्रसंगों को आकाश में प्रदर्शित किया जाएगा, जो इस आयोजन को और खास बनाएगा। सरयू नित्य आरती के अध्यक्ष शशिकांत दास ने बताया कि इस बार की तैयारियों को लेकर एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है।

संतों के साथ लगातार हो रहीं बैठकें
दीपोत्सव के दौरान मठ मंदिरों को सजाने का कार्य भी चल रहा है, जिसमें संत महंतों से सरकार ने सहयोग की अपील की है। सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए संतों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा, जिससे अयोध्या की पहचान और भी मजबूती से स्थापित होगी। इस तरह, अयोध्या में होने वाला दीपोत्सव इस बार न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता के प्रतीक के रूप में भी याद किया जाएगा।

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