दुलर्भ प्रजाति के कछुओं से बना रही सेक्सवर्धक दवा

प्रयागराज से कोलकत्ता तक तस्करी का जाल

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प्रयागराज। दुलर्भ प्रजाति के कछुओं की तस्करी का जाल बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। जीआरपी ने फिर प्रयागराज जंक्शन से आठ बैगों में भरे 104 कछुओं को बरामद किए है। त्यौहारों पर एहतियात के तौर पर ट्रेनों और रेलवे स्टेशन पर चेकिंग अभियान चलाता है। फोर्स का मूवमेंट देख तस्कर 8 बैग में भरे कछुओं को लावारिस छोड़कर फरार हो गए। जीआरपी ने जब बैगों की तलाशी ली, तब उसमें कछुए भरे मिले। इसके बाद तुरंत वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई। वन विभाग की टीम ने कछुओं को अपनी सुपुर्दगी में लिया गया। सभी 104 कछुओं को गंगा में छोड़ा गया।
बात दें कि प्रयागराज जंक्शन पर ट्रेनों और प्लेटफार्म पर लगातार कछुओं की बरामदगी हो रही है। अब तक तस्करों की पूछताछ से पता चला है कि कछुओं को कोलकाता ले जाया जाता है। वहां कछुओं के दांत, खाल और ब्लड से सेक्सवर्धक  दवा तैयार होती हैं। यही वजह है कि तस्करी कर ले जाए गए कछुओं की अच्छी कीमत दी जाती है।
कछुओं की बरामदगी प्लेटफार्म नंबर दो पर हुई। माना जा रहा है कि तस्कर कोलकाता की ट्रेन पकड़ने की तैयारी में थे। पुलिस को सामान चेक करते देख वह बैगों को यूं ही छोड़कर भाग गए। बरामद कछुओं की कीमत लाखों में आंकी जा रही है।

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