आगरा। आगरा में ताजमहल के निकट स्थित ग्यारह सीढ़ी पार्क को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। कछपुरा के निवासी किसान मुन्ना लाल ने दावा किया है कि इस पार्क में उनकी पुश्तैनी जमीन का एक हिस्सा है, जिस पर उन्होंने 40 वर्षों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अधिकार प्राप्त किया है। उनका कहना है कि यह जमीन उनके पूर्वजों द्वारा उपयोग की जाती थी और इसके लिए उनके पास सभी कानूनी दस्तावेज भी मौजूद हैं। मुन्ना लाल के अनुसार, उनकी जमीन पर पहले उनके पिता और चाचा खेती करते थे। लेकिन 1976 में भूमि सीलिंग के कारण यह जमीन उनके हाथ से निकल गई। इसके बावजूद, उन्होंने न्यायालय में अपने स्वामित्व का दावा किया और 1998 और 2020 में जारी दस्तावेजों में भूमि का ट्रांसफर उनके पक्ष में दर्ज किया गया है। हाल ही में, मुन्ना लाल ने पार्क के अंदर छह बीघा जमीन जोत दी है और इसे चारों ओर तार से घेरकर आम जनता की एंट्री पर बैन लगा दिया है।
आगरा की मंडलायुक्त ऋतु महेश्वरी ने बताया कि यह भूमि आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अधिकार क्षेत्र में आती है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। एडीए का उद्देश्य इस पार्क को एक आकर्षक मनोरंजन और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करना है, जिसमें ताज महोत्सव जैसे आयोजन भी शामिल हैं। ग्यारह सीढ़ी पार्क, जो पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थल है, खासकर सूर्यास्त के समय ताजमहल का दृश्य देखने के लिए, अब विवादों में घिर गया है। स्थानीय पर्यटक गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शकील चौहान ने कहा कि इस नए विवाद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर उस समय जब ताजमहल के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। मुन्ना लाल ने अपनी कानूनी लड़ाई के दौरान कई बार स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया है और उनका दावा है कि उनके पास अदालत के आदेश और रेवेन्यू रिकॉर्ड में स्वामित्व की पुष्टि भी है। अब यह देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन और न्यायालय इस विवाद का समाधान कैसे निकालते हैं और पर्यटकों के लिए पार्क की स्थिति पर इसका क्या असर पड़ेगा।
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