आज सूरज और चांद से सजे बाबा महाकाल, जानिए अब कैसा होगा भस्म आरती में प्रवेश का तरीका

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उज्जैन। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार किया गया, जिसने भक्तों का मन मोह लिया। शनिवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे और मंदिर के पट भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा के पश्चात खोले गए। बाबा महाकाल को सबसे पहले गर्म जल से स्नान करवा कर पंचामृत अभिषेक किया गया और फिर केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के मस्तक पर सूर्य, चंद्र, त्रिपुंड और डमरू का अलंकरण किया गया, जो अत्यंत आकर्षक था। महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई और उन्हें फूलों से सजाया गया। मंदिर के पुजारी पंडित अभिषेक शर्मा (बाला गुरु) ने बताया कि यह विशेष शृंगार और भस्म अर्पण विधि से भक्तों को एक दिव्य अनुभव प्राप्त हुआ। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से भस्म आरती के दिव्य दर्शन किए और इस अलौकिक दृश्य का लाभ लिया। बाबा महाकाल के इस अद्भुत शृंगार और आरती में उनके निराकार से साकार स्वरूप का दर्शन कर भक्तों ने “जय श्री महाकाल” के जयघोष किए, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा।
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