एक हजार किमी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करेगी नेवी

233

नई दिल्ली। एक हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक के टारगेट पर हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का नेवी परीक्षण करने जा रही है। ये वो मिसाइल है जो सरफेस शिप्स और तटीय ठिकानों दोनों से ही टारगेट को भेदने की ताकत रखती है। भारतीय रक्षा बलों की मारक क्षमता को बढ़ाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मिसाइल का टेस्ट अगले कुछ दिनों में होने वाला है। इसे देश के पूर्वी तट पर किया जाएगा। इस मिसाइल प्रणाली के जरिये नौसेना को बैलिस्टिक मिसाइलों का मजबूत भंडार बनाने में मदद मिलेगी। इसका इस्तेमाल संघर्षरत देशों में किया जा रहा है। ये मिसाइल्स नौसेना को सरफेस शिप्स और तटीय ठिकानों दोनों से ही टारगेट को भेदने में सक्षम बनाएंगी।
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान ने भी हाल ही में युद्धपोत से 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। पाकिस्तानी नौसेना ने बताया था कि 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाला यह मिसाइल सिस्टम जमीन और समुद्र के टारगेट्स को अत्यंत सटीकता से भेदने में सक्षम है। हालांकि, भारत जिस मिसाइल का परीक्षण करने वाला है, उसकी रेंज पाकिस्तान के इस मिसाइल सिस्टम से काफी ज्यादा है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रक्षा बलों के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलें भी बना रहा है। बता दें कि रॉकेट फोर्स बनाने का फैसला भारत की मध्यम दूरी की मारक क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है। पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान और चीन के पास ये पहले से ही मौजूद है। अधिकारियों के मुताबिक प्रलय मिसाइलों का वर्तमान में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है। इनके जल्द ही ऑपरेशनल सर्विस के लिए तैयार होने की उम्मीद है।सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट मोटर से चलने और कई नई तकनीकों वाली इन मिसाइलों की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है। रॉकेट फोर्स परियोजना सामरिक रॉकेट फोर्स विकसित करने के सशस्त्र बलों के प्रयासों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी। बता दें कि सेनाएं सीमा पर खतरों का मुकाबला करने के लिए रॉकेट फोर्स के निर्माण पर काम कर रही हैं।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.