नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सरकार की नींद उड़ी हुई है। प्रदूषण रोकने के लिए सरकार तमाम तरह के उपाय कर रही है। पराली जलाने पर भी रोक लगाई है। इसके बाद भी पंजाब में पराली जलाने के मामले नहीं थम रहे हैं। राज्य में अभी तक 6600 से अधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं। पंजाब में रविवार को पराली जलाए जाने के रिकॉर्ड 345 मामले सामने आए हैं। पंजाब के संगरूर जिले में पराली जलाए जाने की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं। अब तक पूरे राज्य में इस तरह के 6600 मामले सामने आ चुके हैं।
मालूम हो कि 2023 में पंजाब में पराली जलाए जाने की कुल 36,663 घटनाएं हुई थीं। इस तरह पिछले साल की तुलना में इस साल इस तरह की घटनाओं में 26 फीसदी की गिरावट आई है। 2022 में पराली जलाए जाने की 49,922 घटनाएं हुई थीं। 2021 में 71,304, 2020 में 76,590, 2019 में 55,210 और 2018 में 50,590 घटनाएं दर्ज हुई थीं। जानकारी के मुताबिक, 15 सितंबर से 10 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाए जालने की 6611 घटनाएं हुई हैं। संगरूर में पराली जलाए जाने की सबसे ज्यादा 116 घटनाएं सामने आई हैं। इसके बाद मनसा में 44, फिरोजपुर में 26, मोगा और फरीदकोट में 24-24 और मुकतसर में 20 घटनाएं दर्ज हुई हैं। बता दें कि अक्तूबर और नवंबर में पंजाब और हरियाणा में फसलों की कटाई के बाद पराली जलाए जाने को आमतर पर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का जिम्मेदार माना जाता है। आमतौर पर धान की कटाई के बाद रबी की फसलों विशेष रूप से गेहूं की बुवाई के लिए कम समय मिलता है इसलिए कई किसान अगली फसल की बुवाई के लिए खेतों में पराली को जला देते हैं।
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