शिवराज सिंह चौहान को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मानहानि केस में जमानती वारंट जारी करने पर लगाई रोक
पीठ ने कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा से जवाब मांगा
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार करने वाले मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 25 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली शिवराज सिंह चौहान और अन्य की याचिका पर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा से जवाब मांगा। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जमानती वारंट का निष्पादन मामले में अदालत के समक्ष कार्यवाही में उनकी प्रभावी भागीदारी के अधीन नहीं किया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने मानहानि मामले को खारिज करने से किया था इनकार
अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि ऐसा सुनने में नहीं आया है कि किसी समन मामले में न्यायालय की तरफ से जमानती वारंट जारी किया गया हो, जबकि पक्षकार अपने वकील के माध्यम से उपस्थित हो सकते हैं। 25 अक्तूबर को उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ विवेक तन्खा की तरफ से दर्ज मानहानि के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया था।
20 जनवरी को जबलपुर की विशेष अदालत ने किया था तलब
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने निचली अदालत में अपनी शिकायत में कहा कि 2021 में राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले मानहानिकारक बयान दिए गए थे। 20 जनवरी 2024 को जबलपुर की एक विशेष अदालत ने तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज कर उन्हें अदालत में तलब किया था।