नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज ओडिशा के तट पर चांदीपुर में मौजूद एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलआरएलएसीएम) का पहला उड़ान परीक्षण किया। इस परीक्षण के दौरान, सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया और प्राथमिक मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। इस मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर की तरफ से की गई, जिन्हें उड़ान पथ की पूरी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए आईटीआर की तरफ से कई जगहों पर तैनात किया गया था।
मिसाइल ने किया अपनी क्षमता का प्रदर्शन
जानकारी के अनुसार, इस मिसाइल ने निर्धारित मार्ग का अनुसरण किया और कई ऊंचाइयों और गति पर उड़ान भरते हुए कई तरह के मोड़ और बदलाव करने की क्षमता का प्रदर्शन किया। मिसाइल में बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ़्टवेयर लगाए गए हैं। एलआरएलएसीएम एक रक्षा अधिग्रहण परिषद-स्वीकृत, स्वीकृति की आवश्यकता-स्वीकृत, मिशन मोड प्रोजेक्ट है। इसे जमीन से मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर का उपयोग करके और अग्रिम पंक्ति के जहाजों से यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल सिस्टम का उपयोग करके लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है।
विकास एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने किया विकसित
एलआरएलएसीएम (LRLACM) का विकास एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, बंगलूरू ने किया है, जिसमें अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों का योगदान शामिल है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु इस मिसाइल के विकास और एकीकृत उत्पादन में शामिल हैं। वहीं इसके परीक्षण के दौरान कई डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिक और तीनों सेनाओं के प्रतिनिधि, जो इस प्रणाली के उपयोगकर्ता हैं, मौके पर मौजूद थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी को दी बधाई
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को इस सफल पहले उड़ान परीक्षण पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के स्वदेशी क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करता है। जबकि रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने एलआरएलएसीएम की इस सफल पहली लॉन्चिंग पर डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी।