भारतीय वायुसेना के ‎लिए 97 तेजस खरीद के लिए 48,000 करोड़ रुपये का अनुबन्ध

हवा में ईंधन भरने में सक्षम स्वदेश निर्मित जेट की तैनाती सियाचीन, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में की जायेगी

25

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी को पूरा करने के ‎लिए रक्षा प‎रियोजनाओं पर अमल करने से स्वदेशी एयरोस्पेस क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की द‍िशा में और मजबूती म‍िलेगी।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 2.23 लाख करोड़ रुपये की रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं के तहत 97 हल्के लड़ाकू विमान तेजस और 156 लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड खरीदे जाएंगे। तेजस भारत द्वारा विकसित किया गया एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला लड़ाकू जेट विमान है। यह हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूंछ का, कंपाउंड डेल्टा पंख वाला विमान है।
सूत्रों के मुताब‍िक पहला तेजस यानी एलसीए एमके-1 व‍िमान फरवरी 2024 में ड‍िलीवर क‍िया जाएगा। बाकी व‍िमान साल 2029 तक ड‍िलीवर कर द‍िए जाएंगे। तेजस व‍िमान को बॉर्डर एर‍िया में तैनात क‍िए जाने की उम्‍मीद है।
बताया जाता है क‍ि तेजस व‍िमान ड‍िज‍िटल रडार वॉर्न‍िंग र‍िसीवर, बाहरी आत्‍मसुरक्षा जैमर पॉड, बेहतर रडार, एडवांस ब‍ियॉन्‍ड-व‍िजुअल-रेंड (बीवीआर) म‍िसाइलों और खास तौर से बेहतर रखरखाव के साथ आएगा। इस फाइटर जेट में 65 से 70 फीसदी तक स्‍वदेशी उपकरण लैस होंगे। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस एमके-1ए जेट की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया। तेजस स्वदेश निर्मित चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है ‎जो हवा में भी ईंधन भरने में सक्षम है। प्रचंड हेलीकॉप्टर को भी एचएएल ने विकसित किया है। इस अत्याधुनिक हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर में 5.8 टन वजन के जुड़वा इंजन लगे हुए हैं। हवा से हवा और हवा से सतह पर मिसाइल दागने में सक्षम प्रचंड की तैनाती मुख्य रूप से सियाचीन, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में की जाएगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.