चुनावी वादे को पूरा करने को तैयार ट्रंप, शपथ लेते ही चीन, मैक्सिको और कनाडा पर अतिरिक्त शुल्क लगाऊंगा

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वाशिंगटन। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुने जा चुके हैं। ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद कई देशों में खलबली मची हुई हैं। वहीं नवनिर्वाचित ट्रंप का कहना है कि देश की बागडोर संभालने के बाद वह चीन, मैक्सिको और कनाडा पर अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे। इन तीनों देशों की नीतियों में बदलाव कराने को लेकर दबाव की राजनीति के तहत यह कदम उठाया जाएगा।
ट्रंप ने कहा कि कनाडा और मैक्सिको से अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। इन देशों से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी अमेरिकी में दाखिल होते हैं। इन देशों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की सप्लाई भी हो रही है। इसके साथ ही चीन के उत्पादों पर 10 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा।
ट्रंप ने कहा कि हजारों की संख्या में लोग मैंक्सिको और कनाडा सीमा से अमेरिका में अवैध रुप से प्रवेश कर रहे हैं। अमेरिका में इस समय क्राइम का स्तर बहुत बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद मेरे पहले आदेशों में एक आदेश ये भी होगा कि मैं मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका में आयात हो रहे सभी उत्पादों पर 25 फीसदी का शुल्क लगा दूंगा। यह फैसला ऐसे समय पर लागू किया जाएगा, जब ड्रग्स विशेष रूप से फेंटानिल और सभी गैरकानूनी सामान धड़ल्ले से अमेरिका में लाया जा रहा है।
ट्रंप ने कहा कि मैंने चीन से बड़ी संख्या में अमेरिका में सप्लाई हो रहे ड्रग्स से फेंटानिल को लेकर चीन प्रशासन से बात की है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। चीन प्रतिनिधियों ने बताया कि वे पकड़ने जाने पर ड्रग्स डीलर्स को मृत्युदंड की सजा देंगे लेकिन दुर्भाग्य से इसका पालन नहीं किया और चीन से अमेरिका में लगातार ड्रग्स खेपें आ रही हैं। ये ड्रग्स मुख्य तौर पर मेक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंच रही हैं। हम चीन पर अतिरिक्त 10 फीसदी टैरिफ लगाने जा रहे हैं।
बता दें कि ट्रंप के इस फैसले से उत्तरी अमेरिका की सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है और यहां के कारोबार पर असर पड़ सकता है। इससे पहले चीन के पॉलिसी एडवाइजर ने ट्रंप की नई टीम को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि एलन मस्क और भारतीय मूल के बिजनेसमैन विवेक रामस्वामी वाली ट्रंप की टीम से चीन को सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा था कि ट्रंप की टीम अमेरिकी सरकार को नए तरीके से प्रभावी बनाने का काम करेगी, जिससे चीन को अमेरिकी राजनीतिक प्रणाली से मुकाबला करना होगा।
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। उम्मीद की जा रही है कि वह ताइवान और दक्षिण चीन सागर जैसे वैश्विक मोर्चों पर भी बीजिंग के खिलाफ सख्त उपायों को लागू करेंगे। चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है। झेंग ने कहा था कि अमेरिका के आंतरिक बदलावों का मुकाबला करने के लिए चीन को अपनी नीतियों को और खोलना होगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप के व्यापार शुल्कों से द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान होगा।

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