भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को गैर कानूनी ठहराते हुए हड़ताल से वापस आने का आदेश दिया था। अब हाईकोर्ट के नए आदेश में डॉक्टरों को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने कहा है, डॉक्टर सरकार के किसी निर्णय से आहत होते हैं। ऐसी स्थिति में वह पहले नोटिस देकर अपनी समस्याओं के बारे में बताएं। यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है। ऐसी स्थिति मे वह आंदोलन कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने वर्तमान स्थिति में कोर्ट को सूचना देकर आंदोलन पर जाने को सही ठहराया है।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैस की बेंच ने सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल से जुड़े मामले की सुनवाई की। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को डॉक्टरों की लंबित मांगों को हल करने के लिए दो सप्ताह के अंदर एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का आदेश सरकार को दिया है। डॉक्टरों की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण हो। इसके लिए हाईकोर्ट ने चिकित्सक महासंघ को एक सप्ताह का समय दिया है। वह अपनी सभी लंबित मांगों और सुझाव को राज्य सरकार तक पहुंचा सकें। सरकार द्वारा समय पर यदि उनकी मांगों पर विचार करके निर्णय नहीं लिया जाता है। ऐसी स्थिति में वह आंदोलन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने टोकन स्ट्राइक के लिए कोर्ट की अनुमति को अनिवार्य किया है।
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