अमरावती। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के चक्रवाती तूफान में तब्दील होकर सोमवार को नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच तट पार करने और उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई है । इसके चलते राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने जिला कलेक्टरों और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को लोगों की मदद के लिए जरूरी राहत, बचाव उपाय करने और प्रभावित क्षेत्रों में बिजली लाइनों एवं परिवहन सुविधाओं को बहाल करने की तैयारी करने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे तटीय क्षेत्रों से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाएं और दूध, पेयजल, भोजन का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित कर राहत शिविरों की व्यवस्था करें।मुख्यमंत्री के आदेश पर सरकार ने राहत उपायों के लिए तिरुपति जिले को 2 करोड़ रुपये और एसपीएसआर नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, डॉ बीआर अंबेडकर कोनसीमा और काकीनाडा जिलों को 1 करोड़ रुपये जारी किए।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आंध्र प्रदेश और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों के लिए चक्रवात अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, बंगाल की दक्षिण-पश्चिमी खाड़ी पर गहरा दबाव 2 दिसंबर को 0600 यूटीसी पर केंद्रित था, जो नेल्लोर से लगभग 540 किमी दक्षिण-पूर्व, बापटला से 650 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और मछलीपट्टनम से 650 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में था।अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। इसके चक्रवाती तूफान के रूप में 5 दिसंबर को 0600 यूटीसी के आसपास नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच दक्षिण आंध्र प्रदेश तट को पार करने की संभावना है। इस बीच, मुख्य सचिव के.एस. जवाहर रेड्डी ने जिला कलेक्टरों को चक्रवात से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। जिला कलेक्टरों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने उनसे किसी भी जान-माल के नुकसान को रोकने और संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने को कहा है।चक्रवात के प्रभाव से अगले तीन दिनों तक तिरुपति, नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, कोनसीमा, पूर्वी गोदावरी, काकीनाडा और अनाकापल्ली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अगले तीन दिनों तक मछुआरे समुद्र में न जाएं और जो पहले से ही समुद्र में हैं, उन्हें वापस लौटने के लिए सचेत करने के लिए कदम उठाएं।
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