वक्फ बिल पर हंगामें के बीच जेपीसी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश

हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

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नई दिल्ली। वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में पेश किया गया है, जिसे उच्च सदन ने स्वीकार भी कर लिया है। विपक्षी दलों ने इस बिल को अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। वहीं लोकसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामें के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर 02 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। संसद में आज गुरुवार को दिन काफी अहम है, क्योंकि आज ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नया इनकम टैक्स बिल पेश करेंगी। संसद के बजट सत्र के पहले भाग का आज आखिरी दिन भी है। बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाने वाला 622 पेज का नया बिल 60 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ बोर्ड बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश की गई है। भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने यह रिपोर्ट पेश की है, जिसे उच्च सदन ने स्वीकार कर लिया है। इसे लेकर संसद में आज विपक्ष के तेवर तीखे नजर आ रहे हैं। आज की कार्यवाही के बाद संसद के बजट सत्र का पहला भाग संपन्न होने जा रहा है, और दूसरा 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने जेपीसी की रिपोर्ट पर गंभीर संवैधानिक खामियों का हवाला देते हुए सरकार से पुनर्विचार करने की अपील की। वहीं, जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करने में सभी संबंधित पक्षों से बातचीत की गई और 14 धाराओं में 25 संशोधन स्वीकार किए गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह बिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सीमित करने का प्रयास है, जबकि सरकार का दावा है कि यह व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। इस बीच, कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने कहा कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है।

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