बिजली वितरण कंपनियों को निजी क्षेत्र को सौंपेगी सरकार

6.50 लाख करोड़ की घाटे में बिजली कंपनियां, दिवालिया होने से बचाने के लिए निजी क्षेत्र को वितरण कंपनियां?

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नई दिल्ली। देश के सभी राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां भारी घाटे में चल रही हैं। बिजली कंपनियों के ऊपर 6.5 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज में डूबी हुई हैं। भारत में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारी बिजली कंपनियों को आर्थिक सहायता भी दे रही हैं।उसके बाद भी इन कंपनियों का घाटा बढ़ता ही चला जा रहा है। केंद्र सरकार एक बार फिर बिजली कंपनियों को बेलआउट पैकेज देने पर विचार कर रही है। ताकि कंपनियों को दिवालिया होने से बचाया जा सके।
2021 के बाद पहली बार केंद्र सरकार, राज्य की बिजली कंपनियों को बेल आउट पैकेज देने पर विचार कर रही है। 2021 में 3 लाख करोड़ का बेल आउट पैकेज केंद्र सरकार ने दिया था। उसके बाद भी विद्युत वितरण कंपनियां घाटे से नहीं उबर पाई।
विद्युत वितरण कंपनियों पर इस समय 6.5 लाख करोड़ का कर्ज है। वितरण कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर हैं केंद्र सरकार बिजली वितरण कंपनियों को निजी क्षेत्र को सौंपने पर गंभीरता से विचार कर रही है। केंद्र सरकार देशभर की सभी बिजली कंपनियों की,वास्तविक आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट मंगाकर वित्तीय सेहत को देखते हुए निर्णय लेगी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्यों में संचालित विद्युत वितरण कंपनियों को निजी क्षेत्र की कंपनियों को सौंपने पर विचार करने का निर्देश दिया है। जल्द ही केंद्र सरकार इस बारे में निर्णय लेने जा रही है। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है। विद्युत वितरण का काम सुचारू रूप से चल सके। इसके लिए निजी क्षेत्र को भी विद्युत वितरण के काम में शामिल किया जाएगा।

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