प्रयागराज। सोशल मीडिया पर शेयर की गई डिजिटल स्नान सेवा ने यूजर्स के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हो गई है। कई लोगों ने दीपक की आलोचना करते हुए कहा कि वह लोगों की मासूमियत और भक्ति का फायदा उठा रहा है।
यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। वहीं, लाखों लोगों इसमें स्नान करने की इच्छा रखते हैं। हालांकि, अत्यधिक भीड़ होने से ट्रेन, फ्लाइट या बस में टिकट नहीं मिल रही है। सड़कों पर भीषण जाम लगा है। अपनी गाड़ी से भी जाना मुश्किल है। वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो स्वास्थ्य समस्या के कारणों महाकुंभ जाने में असमर्थ हैं। उन्हें अफसोस करने की जरूरत नहीं है। इस आध्यात्मिक महोत्सव में व्यक्तिगत रूप से शामिल न हो पाने वालों के लिए ऑनलाइन एक अनूठी‘जुगाड़’ सामने आई है।
इंटरनेट पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक शख्स ‘डिजिटल स्नान’ सेवा दे रहा है। 1100 रुपए के शुल्क पर, ये सेवा व्हाट्सएप के जरिए भेजे गए भक्तों की तस्वीरें इकट्ठा करती है। फिर दूरदराज के भक्तों की तस्वीर की एक प्रति पवित्र जल में विसर्जित करके उनकी आत्मा को शुद्ध करने का दावा करती है। दीपक गोयल नाम के शख्स ने कहा कि वह प्रयागराज से हैं और नियमित रूप से संगम जाते हैं। उन्होंने कहा कि वह पैसे भेजने के 24 घंटे में भक्तों की तस्वीरें लेकर संगम जाते हैं और उन्हें डुबकी लगवा देते हैं।
सोशल मीडिया पर शेयर की गई डिजिटल स्नान सेवा ने सोशल मीडिया यूजर्स के बीच लोकप्रियता हासिल कर ली है। कई लोगों ने दीपक की आलोचना करते हुए कहा कि वह लोगों की मासूमियत और भक्ति का फायदा उठा रहा है। वहीं कुछ लोगों ने इस आइडिया की तारीफ की और उन्हें असली उद्यमी बताया है।
एक यूजर ने कहा कि तुम अंधभक्ति की आलोचना करते रहो, उसने अंधभक्ति में बिजनेस ढूंढ लिया। वह असली उद्यमी है। एक अन्य ने चुटकी लेते हुए कहा कि चीन के पास डीपसीक है, तो हमारे पास डीपस्नान है। एक यूजर ने कहा कि भारत में गुप्त सीरीज जारी है। एक व्यक्ति ने कहा कि यह व्यंग्य या कॉमेडी नहीं है। एक इंस्टाग्राम यूजर ने कहा कि वाटरप्रूफ फोन में वीडियो कॉल पर डुबकी लगा लो भाई, 10 गुना रिटर्न। एक यूजर ने टिप्पणी की कि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं…अभी एक सप्ताह पहले मैं सोच रहा था कि कोई इस तरह का व्यवसाय शुरू कर सकता है।
महाकुंभ मेला पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को शुरू हुआ था और 26 फरवरी को संपन्न होगा। अब तक त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 58 करोड़ को पार कर गई है, जबकि आयोजन समाप्त होने तक यह संख्या 65 करोड़ पार करने की उम्मीद है।
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