भस्म आरती में दूल्हे की तरह सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर सजे सूर्य और चंद्र, भक्त हुए निहाल

21
उज्जैन। शिवनवरात्रि महोत्सव के दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान का प्रतिदिन अलग अलग स्वरूपों में श्रृंगार किया जा रहा है। कल शिवनवरात्रि के अष्टम दिवस सांध्य पूजन के पश्चातभगवान श्री महाकालेश्वर एवं माँ भगवती पार्वती ने सभी भक्तों को श्री उमा-महेश स्वरूप में दर्शन दिए। जिसके बाद आज श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में कालो के काल बाबा महाकाल भस्म आरती के दौरान मस्तक पर त्रिपुंड, सूर्य, चंद्र और मखाने की माला पहनकर श्रंगारित हुए। श्री महाकालेश्वर मंदिर मे आज सुबह 4 बजे हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को रुद्राक्ष, मखाने व आंकड़े की माला अर्पित की गई। इस श्रृंगार के बाद फिर उन्होंने भस्म रमाई। जिसके बाद भक्तों ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि मंगलवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया और प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का पूजन सामग्री से आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर इस श्रृंगार के दर्शन किए और जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे। जिसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।
Leave A Reply

Your email address will not be published.