भस्म आरती में खुला तीसरा नेत्र, फिर भस्म रमाकर सजे बाबा महाकाल, सैकड़ों भक्तों ने किए दर्शन

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उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में चतुर्दशी पर सुबह 4 बजे हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन-अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को त्रिनेत्र अर्पित किया गया और भस्म रमाई। जिसके बाद भक्तों ने दर्शनों का लाभ लिया, इस दौरान मंदिर परिसर ‘जय श्री महाकाल’ के उद्घोष से गूंज उठा।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाया गया, फिर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से अभिषेक किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर ‘हरि ओम’ का जल अर्पित किया गया। पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का त्रिनेत्र लगाकर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया।

भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर उनके दर्शन किए और ‘जय श्री महाकाल’ का उद्घोष करने लगे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।

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