गुटखा फैक्ट्री में करोड़ों की टैक्स चोरी, आयकर विभाग की छापेमारी में खुली काली कमाई की पोल

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भोपाल। राजधानी में गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में संचालित दो गुटखा फैक्ट्री में आयकर विभाग की छापेमारी में करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कायपान फूड प्रोडक्ट कंपनी की दो फैक्ट्री में तीन ब्रांड (राजश्री, कमला पसंद, ब्लैक लेवल) के गुटखा तैयार किया जाता है। आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि फैक्ट्री में मशीनों में हेरफेर कर टैक्स चोरी की जा रही है। इसके अलावा अमानक स्तर का गुटखा तैयार किया जाता है।

गौरतलब है कि आयकर विभाग की टीम ने 11 मार्च को गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित पान मसाला बनाने वाली एक ही ग्रुप की दो फैक्ट्रियों पर सर्च की कार्रवाई की। आयकर विभाग की 40 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम 30 पुलिसकर्मियों के साथ गोविंदपुरा की फैक्ट्रियों में पहुंची। टीम को देखकर यहां काम कर रहे 500 से अधिक कर्मचारी और मैनेजर यहां से भाग गए। आयकर टीम ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में फैक्ट्री के मेन गेट बंद करवाए। इसके बाद फैक्ट्रियों में बचे कर्मचारियों को रोका गया।

स्टॉक-सप्लाई में मिला अंतर

जानकारी के अनुसार फैक्ट्री दो शिफ्ट में गुटखा तैयार करने के साथ ही इसकी पैकिंग का काम किया जाता है। कर्मचारियों को मोबाइल फोन ले जाने की मनाही है। शुरुआती जांच में पता चला कि यहां रॉ मटेरियल के अलावा तैयार होने वाले गुटखे का हिसाब नहीं रखा जा रहा था। गुटखे तैयार करने और रॉ मटेरियल रखने वाली जगह पर भारी गंदगी मिली है। आयकर विभाग की टीम ने फैक्ट्री के संचालकों समेत मैनेजर को पूछताछ के लिए बुलाया है। यहां स्टॉक और सप्लाई में गड़बडिय़ां मिली हैं। आयकर विभाग की टीम को फैक्ट्रियों में रखे रॉ मटेरियल की खरीदी और इसके स्टॉक और कागजों में दर्ज जानकारी में भारी अंतर मिला है। जानकारी के मुताबिक टैक्स चोरी के लिए यहां से तैयार माल अधिक मात्रा में सप्लाई किया जा रहा है, वहीं टैक्स अदाएगी में इसे कम करके बताया गया। यहां तैयार गुटखा और पान मसाला की सप्लाई मप्र के अलावा कई अन्य राज्यों में है। टीम अब यहां से मिले रॉ मटेरियल की खरीदी के कागजात भी खंगाल रही है। यहां से बड़ी टैक्स चोरी का खुलासा होने की उम्मीद है।

माल के आवक-जावक का हिसाब नहीं

आयकर टीम ने जब दोनों फैक्ट्रियों का निरीक्षण और जांच शुरू की तो पता चला कि यहां एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है। इसके अलावा मेन गेट पर माल के आवक-जावक का भी कोई हिसाब नहीं रखा गया। फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों की भी पुख्ता जानकारी और रजिस्टर नहीं रखा गया है। बता दें, ये दोनों फैक्ट्रियां एक-एक एकड़ परिसर में फैली हैं और दोनों ही फैक्ट्रियों की सुरक्षा को इस तरह चाक-चौबंद किया गया था कि बाहर से अंदर चल रही गतिविधियों को देखना नामुकिन है। कर्मचारियों को भी ताकीद किया गया था कि फैक्ट्री में होने वाले काम और यहां से निकलने वाले माल की जानकारी किसी से भी साझा नहीं करना है।

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