नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ पर वक्तव्य दिया और इसके सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश की जनता का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में हुए महाकुंभ ने भारत की राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक विरासत को एक नई ऊंचाई दी है। संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण में मंगलवार को सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं प्रयागराज महाकुंभ पर वक्तव्य देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। आज मैं सदन के माध्यम से संपूर्ण देशवासियों को कोटि-कोटि नमन करता हूं, जिनके कारण महाकुंभ का यह सफल आयोजन हुआ। वहीं उन्होंने उत्तर प्रदेश व प्रयागराज की जनता को धन्यवाद दिया और सरकार, सामाजिक संगठनों और श्रद्धालुओं की भूमिका की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संपूर्ण विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। यह जनता जनार्दन की श्रद्धा से प्रेरित आयोजन था, जिसने हमारी राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन कराए। उन्होंने कहा, हम सभी जानते हैं कि गंगा जी को धरती पर लाने के लिए अथक प्रयास लगा था। वैसा ही महाप्रयास महाकुंभ आयोजन के समय हमने देखा।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने यह एहसास कराया कि देश अगले 1,000 वर्षों के लिए किस तरह से तैयार हो रहा है। इसी तरह, महाकुंभ ने देश की सामूहिक चेतना और आत्मबल को और सशक्त किया है।
प्रधानमंत्री के इस संबोधन के दौरान सदन में सत्ता पक्ष के सांसदों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। वहीं दूसरी तरफ संबोधन के बाद विपक्षी सांसदों ने सदन में जोरदार हंगामा किया। इसे देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन नियमों से चलता है। बावजूद इसके हंगामा थमता नहीं देख स्पीकर ने लोकसभा में नियम 377 के तहत सदन की कार्यवाही को प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान कर दी और इसी के साथ लोकसभा की कार्यवाही आगे बढ़ी।
पीएम ने स्वामी विवेकानंद, गांधी जी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी किया याद
मोदी ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो सर्वधर्म सम्मेलन में दिए गए भाषण, गांधीजी के ‘दांडी मार्च’ और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ‘दिल्ली चलो’ का नारा देने जैसे ऐतिहासिक अवसरों का उल्लेख करते हुए कहा, मैं प्रयागराज महाकुंभ को भी ऐसे ही एक अहम पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागृत होते भारत का प्रतिबिंब दिखा।