आधार कार्ड से लिंक होगा मतदाता पहचान पत्र, केंद्रीय गृह सचिव और मुख्य चुनाव आयुक्त की बैठक में हुआ फैसला

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नई दिल्ली। अब मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में यह फैसला लिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा। कहा गया कि इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ जल्द ही आगे की चर्चा करेंगे।

संविधान में हैं वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान
संविधान में भी वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान है।बताया जाता है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहा जाता के मुताबिक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मौजूदा या भावी मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या प्रदान करने की मांग कर सकते हैं। यह कानून मतदाता सूची को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है।

विपक्ष के आरोपों के बाद बुलाई गई थी बैठक
इन दिनों संसद के भीतर और बाहर जिस डुप्लीकेट वोटर कार्ड (ईपीआईसी) के नंबरों को लेकर जमकर बवाल हो रहा है। साथ ही राजनीतिक दल इसके जरिये चुनाव आयोग की वैधता पर ही सवाल उठे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाया था। बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग (ईसी) ने कहा था कि वह दशकों पुरानी डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबरों की समस्या को अगले तीन महीने में हल कर लेगा। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी।

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