तांत्रिक ने जिस मासूम को दागा था उसकी मौत, परिजन गुपचुप गांव लाए और दफनाया, नहीं कराया पीएम

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शिवपुरी। शिवपुरी जिले में एक छह महीने के बच्चे को तांत्रिक द्वारा झाड़ू फूंक के चक्कर में धोनी से जलाने वाले तांत्रिक के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद अब संबंधित बच्चे की भी मौत हो गई है। इस पूरे केस में अंधविश्वास ने एक मासूम की जान ले ही ली। कोलारस स्थित खैरोना गांव निवासी छह महीने के बालक को अंधविश्वास के चलते उसके माता पिता ने एक तांत्रिक से आग से धुनी दिलाई। घटना में बालक गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी और गाल व होंठ पर भी गहरे जख्म थे। पहले बच्चे को जिला अस्पताल फिर ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इलाज के दौरान हो गई मौत
मंगलवार को मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजन ने इस मामले में कोई पुलिस कार्रवाई न कराते हुए गुपचुप अपने गांव आ गए और शव को दफना दिया। बुधवार को पुलिस को इस मामले की जानकारी लगी। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।

तांत्रिक पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने भेजा जेल
बताया जा रहा है कि बच्चे के परिजन ने शव का पीएम नहीं कराया और न ही सूचना दी। कोलारस थाना प्रभारी टीआई रवि चौहान ने बताया कि बच्चे को उसके परिजनों के द्वारा गुपचुप गांव में दफना दिया। परिजन से बात करने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी तांत्रिक पर केस दर्ज कर जेल पहले ही भेज दिया था।

शिवपुरी इलाज कराने आए तब मामला खुला
यह घटना 13 मार्च की है। जब शिवपुरी के ग्राम खैराना व हाल शिवपुरी निवासी आदेश धाकड़ अपने छह महीने के बच्चे मयंक को दिखाने के लिए जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश चतुर्वेदी के पास आया था। यहां पर जब डॉक्टर ने बालक के जले हुए गाल, होंठ व दोनों आंखों को देखा तो पता चला कि दोनों आंखों की कॉनियां सफेद होने के कारण रोशनी चली गई थी।

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